– फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर समाहरणालय सभागार में बैठक का हुआ आयोजन
– कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए आशा, आंगनबाड़ी सेविका से लिया जाएगा सहयोग
– 28 सितंबर से किया जाएगा दवा का वितरण
– 1950 टीम व 2 सौ पर्यवेक्षकों के माध्यम से दवा का होगा वितरण
पूर्णिया: जिले के सभी प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता को लिए समाहरणालय सभागार में जिला उप विकास आयुक्त मनोज कुमार सिन्हा के अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. स्वास्थ्य को लेकर संकल्पित राज्य सरकार के साथ ही जिला प्रशासन भी फाइलेरिया उन्मूलन को जड़ से समाप्त करने में लगी हुई है. जिसके तहत जिले के सभी 14 प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 28 सितंबर से चलाने का निर्णय लिया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीडीसी मनोज कुमार सिन्हा ने जिले के सभी प्रखंड के एमओआईसी, बीएचएम तथा बीसीएम सहित सभी शामिल अधिकारियों को संबोधित कर कहा कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग व के साथ ही फाइलेरिया जैसे संक्रमण को जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसे सफ़ल बनाना है.
बैठक के दौरान डीडीसी ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने प्रखंड के आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका व अन्य कर्मियों पूरी तरह से प्रशिक्षित करने का काम करेंगे. उसके बाद ही इनलोगों के माध्यम से दवा वितरण सुनिश्चित करेंगे और ज़िला से लेकर प्रखंड स्तर तक फाइलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम करने की जरूरत हैं.
कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए आशा, आंगनबाड़ी सेविका से लिया जाएगा सहयोग:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीएमओ) डॉ आरपी मंडल ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है. इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त में दवा दी जाती है. कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए ग्रामीण स्तर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को लगाया जाएगा, क्योंकि इन्हीं लोगों द्वारा 28 सितंबर से 12 अक्टूबर तक डोर टू डोर भ्रमण कर दो वर्ष से ऊपर के सभी बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों को दवा की खुराक देंगे. जिसमें दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी एवं एलबेंडाजोल की एक-एक गोली खिलाया जाएगा.
वहीं छह से चौदह साल के किशोर को डीईसी की दो तथा एल्बेंडाजोल की एक गोली तथा 15 साल के ऊपर के लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली की खुराक दी जाएगी. भ्रमणशील प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं के टीम द्वारा सामने ही दवा खिलाई जाएगी.
सबसे खास बात यह हैं कि डीईसी की गोली खाली पेट किसी भी ब्यक्ति को नहीं खाना है एवं एल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर ही खाना है. इसके अलावे दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी. इसके अलावा जो भी किसी तरह की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें भी किसी तरह की दवा नहीं दी जाएगी.
1950 टीम व दो सौ पर्यवेक्षकों के माध्यम से दवा का होगा वितरण: सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया कि जिले के सभी 14 प्रखंडों में 1950 टीम के अलावे 195 पर्यवेक्षकों के द्वारा लगभग 40 लाख 86 हजार 348 आबादी में घर घर जाकर लगभग 99 लाख 33 हजार डीईसी की गोली व एलबेंडाजोल की लगभग 40 लाख गोलियों का वितरण किया जाएगा. जिले में लगभग 50 मरीजों की पहचान की गई हैं जिसमें बनमनखी प्रखंड में सबसे ज्यादा मरीजों की पहचान हुई हैं.
बैठक में डीडीसी के अलावा सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा, डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, एसीएमओ डॉ एसके वर्मा, केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.