सिमडेगा:- अनुमण्डल पदाधिकारी श्री महेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल संप्रेक्षण गृह, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका की बैठक की गई. बैठक में घरेलू हिंसा से संबंधित मामले नहीं आने की स्थिति को देख अनुमण्डल पदाधिकारी ने विस्तृत समीक्षा की. उन्होने कहा कि वन स्टाॅप सेन्टर का भी वृहद्ध रूप से ग्राम-पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, ताकि घरेलू हिंसा से संबंधित मामले उभर कर सेन्टर में आ सके. मानव तस्करी की समीक्षा के क्रम में एसडीओ ने बताया कि बाहर से आने के बाद वापस जाने के क्रम में अपने साथ बिना प्रशासन को सूचित किये एवं अवैध रूप से बहला-फसला कर लोगों को ले जाना मानव तस्करी को दर्शता है.
ग्राम स्तर पर मानव तस्करी पर अंकूश लगाने की दिशा में सेविका, सहायिक एक बेहतर माध्यम है. इनके द्वारा गांव के आने-जाने वाले लोगों पर पैनी नजर एवं रजिस्टर मेन्टेनेस किया जाए. इस विषय पर प्रति सप्ताह सोमवार को प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया. क्षेत्र में बाल शोषण हो रहा है तो, इससे भी संबंधित प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया. बुजूर्गों के साथ शोषण के विरूद्ध रिर्पोट करने को कहा गया. अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसी बुर्जूग पर शोषण होता है तो, इसके लिए दोषी को 10 हजार रूपये का जुर्माना का प्रावधान है.
उन्होने कहा कि जहां महिलाओं की अस्मीत्ता पर चोट पहुंचती है, वहीं से घरेलू हिंसा का प्रारंभ होता है. वहां महिला पर्यवेक्षिका द्वारा परार्मश किया जाना है, और घरेलू हिंसा होने से बचाना है. उन्होने बैठक में दिये गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए अगली बैठक में आंकड़ों से संबंधित अनुपालन प्रतिवेदन लेकर आने की बात कही. बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, सीडीपीओ, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, अधीक्षक बाल सम्प्रेक्षण गृह, सभी महिला पर्यवेक्षिका के अलावे अन्य उपस्थित थें.