मोतिहारी: समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला से संबंधित उद्यमियों के साथ आयोजित बैठक में COVID 19 के कारण आगंतुक श्रमिकों हेतु रोजगार के अवसर सृजित करने/स्वरोजगार के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया गया.
जिलाधिकारी ने कहा कि उद्यमी वास्तव में विकास के संवाहक होते है वे न केवल अर्थव्यवस्था के सकारात्मक विकास में महतवपूर्ण योगदान देते है बल्कि रोजगार सृजन में भी सहायता करते है. जिला प्रशासन आगंतुक श्रमिकों हेतु विधिसम्मत प्रावधानों के तहत रोजगार सृजन हेतु सतत प्रयत्नशील है.
जल/जीवन/हरियाली अभियान के तहत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से मनरेगा के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में लगभग तीस हजार प्रवासी श्रमिकों की सेवा प्राप्त की जा रही है. साथ ही अन्य विभागों द्वारा संचालित योजनाओं में अधिकाधिक आगंतुक श्रमिकों को संलग्न करने का निर्देश दिया गया है.
जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्रियान्वित योजनाओं यथा गरीब कल्याण रोजगार अभियान/जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना/मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक योजना आदि के सतत पर्यवेक्षण,समीक्षा एवं आगंतुक श्रमिकों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र में जिला परामर्श दात्री समिति का गठन किया गया है.
जिलाधिकारी ने आगंतुक श्रमिकों हेतु रोजगार सृजन में उद्यमियों से विशेष भूमिका निर्वहन की अपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के हितार्थ मुख्यमंत्री कुशल श्रमिक उद्यमी क्लस्टर योजना प्रारंभ किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत बीस उद्यमियों द्वारा निर्मित क्लस्टर को व्यापारिक गतिविधियों हेतु विधिसम्मत प्रावधानों के तहत बीस लाख रुपए दिए जाएंगे.
उक्त क्लस्टर योजना के अन्तर्गत व्यापारिक गतिविधियों में कम से कम पचास प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को संलग्न करना अनिवार्य होगा. उसी प्रकार नव प्रवर्तन योजना के तहत दस उद्यमियों के क्लस्टर से व्यापारिक गतिविधि(स्वयं सहायता समूह के समतुल्य) को संचालित किया जाएगा,जिसमें कम से कम 50% प्रवासी श्रमिकों को संलग्न करना अनिवार्य होगा. आयोजित बैठक में उक्त वर्णित योजनाओ के संदर्भ में सुझाव की अपेक्षा की गई है.