रांची : बाल अधिकार संरक्षण आयोग ,नई दिल्ली के द्वारा जारी पत्र, जो सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों को भेजा गया है के आलोक में निजी विद्यालयों को निर्देश जारी किया गया है कि फीस भुगतान के मामले में अभिभावको व बच्चों को किसी प्रकार से प्रताड़ित नहीं किया जाये. ना ही पर्याप्त प्रक्रिया के बगैर किसी प्रकार का ट्यूशन फीस में वृद्धि करें. उक्त जानकारी फेडरेशन ऑफ पैरेंट्स एसोसिएशन (इंडिया) के राष्ट्रीय महासचिव अजय राय ने दी. उन्होंने कहा कि इस पत्र के आधार पर झारखंड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के उपसचिव नवनीत कुमार नंद जी के पत्रांक- 1047 ,दिनांक 01/06 2020 को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं सभी जिला शिक्षा अधीक्षक, झारखंड को प्रेषित कर यह कहा गया हैं कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ,दिल्ली के संज्ञान पर कोई भी निजी विद्यालय फीस भुगतान नहीं कर पाने वाले छात्रों पर किसी प्रकार की कडाई ना करें. माननीय आयोग ने 12 /2/2018 के आदेश में भी निर्देश दिया है कि निजी विद्यालय फीस भुगतान के मामले में बच्चों को किसी प्रकार से प्रताड़ित ना करें और ना ही पर्याप्त प्रक्रिया के बगैर किसी प्रकार की ट्यूशन फीस में वृद्धि करें.
अजय राय ने कहा कि इस पर् के जारी किये जाने के 43 दिन बाद झारखंड सरकार के शिक्षा साक्षरता विभाग की कार्य संस्कृति से पता चल रहा है कि वह राज्य के बच्चों और सरकारी आदेश के प्रति अपनी कितनी जवाबदेही निभा रही है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के लगातार आग्रह के बाद भी सरकार के अधिकारियों ने निजी विद्यालयों को खुली छूट दे रखी है. तभी जिले के निजी विद्यालयों में ट्यूशन फीस में वृद्धि भी की जा रही है. छात्रों से और अभिभावकों से साफ कहा जा रहा है कि जब तक फीस का भुगतान नहीं करोगे तब तक किताबें नहीं दी जाएंगी और न रिजल्ट ?
अजय राय ने कहा कि सरकार के आदेश के आलोक में ऐसे शिक्षा मंत्री अगर जरा भी गंभीर हैं तो ऐसे अधिकारियों के ऊपर भी कार्रवाई करें जो निजी विद्यालयों को खुली छूट देकर मनमर्जी चलवा रहे हैं अन्यथा आम जनता का विश्वास सरकार के प्रति कम होगा.