– स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे
– मरीजों को सेवा देने के दौरान हुए कोविड संक्रमित
– ठाकुरगंज पीएचसी में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में हैं तैनात
किशनगंज: आज जब अपने भी साथ छोड़ दे रहे हैं, ऐसे में चिकित्सक धूप में छांव की तरह लोगों की सेवा कार्य में लगे हुए हैं. कई तो संक्रमण की चपेट में भी आए, लेकिन इसे मात देकर दोबारा अपने कर्तव्य निवर्हन के कार्य में लग गए. चिकित्सक को धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप क्यों कहा जाता है, यह आज सभी को समझ में आ गया है. अगर संक्रमण काल में आम लोगों की तरह ये भी घर पर बैठ जाते तो मानव जीवन संकट में पड़ सकता था. ऐसे में अपने कर्तव्य और मानव जीवन की रक्षा के लिए चिकित्सक वैश्विक महामारी के दौर में मरीजों का हर कदम पर साथ दे रहे हैं. ऐसे ही है जिला किशनगंज के ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के 66 वर्षीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आदित्य कुमार झा. जिन्होंने कोविड-19 के दौर में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी पूरा किया और कभी अपने कार्य से पीछे नहीं हटे. इतना ही नहीं जब लोग एक-दूसरे को छूने से भी परहेज कर रहे थे उस दौर में भी डॉ साहब पीएचसी में बगैर किसी परवाह के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे रहे थे. साथ हीं मरीज व चिकित्सकों के बीच बेहतर संबंध का संदेश भी देते रहे. हालाँकि, इस दौरान ही वह खुद भी संक्रमित हो गये. किन्तु, घबराए नहीं, बल्कि बुलंद हौसले और मजबूत इच्छाशक्ति के बल पर कोविड-19 को भी मात देने में सफल रहे.
– स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे :-
डॉ आदित्य कुमार झा को अब पता है कि यदि वह दोबारा संक्रमण की चपेट में आते हैं तो उन्हें कैसे स्वस्थ होना है और दूसरों को स्वयं का अपना उदाहरण देते हुए कैसे प्रेरित करना है. सेवा के भाव और स्वस्थ होने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर इन्होंने सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि ‘इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद व्यक्ति को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास और किसी भी कठिनाई से लड़ने का जज्बा हो तो वह बड़े से बड़े जंग को जीत सकता है. साथ ही कहा परिजनों का साथ इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी होता है, मानसिक मजबूती. इससे ही बहुत से समस्याओं का हल हो जाता है.
डॉ आदित्य कुमार झा संक्रमित होने के बाद आइसोलेट हो गए किन्तु हालात बिगड़ने लगी तो उन्हें एम्स पटना में भर्ती कराया गया जहाँ वह 20 दिनों तक इलाजरत रहे थे. उन्होंने जरूरी इलाज के साथ-साथ मजबूत इच्छाशक्ति और बुलंद हौसले से कोविड-19 को मात दी. स्वस्थ होने के बाद तुरंत पुनः अपने कार्य पर लौटे और फिर से दुगुनी ताकत के साथ मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे रहे हैं.
– कोविड-19 से घबराए नहीं, डटकर करें सामना :-
डॉ आदित्य कुमार झा ने बताया कोविड-19 से डरने की जरूरत नहीं है. बल्कि, डटकर इनसे सामना करना चाहिए. इसे मात देने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति और धैर्य होना जरूरी है. इससे कोई भी व्यक्ति आवश्यक इलाज के साथ कोविड-19 को मात दे सकता है. उन्होंने बताया “जैसे ही मुझे कोविड-19 संक्रमित होने की जानकारी मिली तो कुछ पल के लिए घबराया. किन्तु, फिर सोचा मैं ही घबरा जाऊँगा तो सामान्य लोगों का क्या होगा. इसी सोच ने मेरे अंदर एक नई ऊर्जा भर दी और हम इसी साहस से कोविड-19 को मात देने में सफल रहे.”
– लक्षण दिखते हीं कराएं इलाज, चिकित्सा परामर्श का करें पालन :-
डॉ आदित्य कुमार झा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 का लक्षण दिखते हीं तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए. जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गयी चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए. दरअसल, समय पर इलाज शुरू होने से बहुत जल्द स्वस्थ होने में काफी सहयोग मिलता है. वहीं आसानी से कोविड-19 को मात दिया जा सकता है.
– साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल, शारीरिक-दूरी का करें पालन :-
डॉ आदित्य कुमार झा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें. साथ ही हमेशा दो गज की शारीरिक-दूरी का पालन करें और मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें. जबतक वैक्सीन-दवा नहीं आ जाती है तबतक मास्क और दो गज की दूरी का पालन करना बेहद जरूरी है.
किसी भी तरह की बीमारी को न करें अनदेखी:
डॉ आदित्य कुमार झा कहते हैं कि जैसे-जैसे वक्त बदल रहा है कोविड-19 के कई लक्षण निकल कर सामने आ रहे हैं. हालांकि बदलते मौसम में यह जरूरी नहीं है कि आपको कोरोना हो गया हो. ये सामान्य फ्लू के भी लक्षण हो सकते हैं. लेकिन अगर समस्या बढ़ती है या आप ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आए है तो तुंरत जांच करवा लें. नियमों का सही से पालन करने, जागरूकता बरतने, सावधानी और सुरक्षित माहौल में रहने से आप सदैव सुरक्षित और स्वस्थ रहगे. यही मूल मंत्र है स्वयं के साथ सामाज को सुरक्षित रखने का. साथ ही साथ उन्होंने समाज के सभी लोगो के लिए संदेश दिया है कि अभी दो गज की दूरी के साथ-साथ मास्क का प्रयोग अवश्य करे इससे न बल्कि आप सुरक्षित रहेंगे और समाज भी सुरक्षित रहेगा.
समाज का साथ घुलना -मिलना जरूरी:
डॉ आदित्य कुमार झा बताते हैं कि इस वक्त चिकित्सकों, नर्सों, आशा कर्मियों और अन्य रूप से स्वास्थ्य कार्य में लगे कोरोना वारियर्स को समाज का साथ मिलना सबसे ज्यादा जरूरी है. ये या इनका परिवार संक्रमण के प्रभाव में आता है तो इन्हें हीन भावना से न देखें. यह ऐसा समय है जब कोई भी कभी भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है, तब उनके प्रति अन्य लोगों का सकारात्मक नजरिया का होना भी जरुरी है. इसके साथ ही सरकार द्वारा बताए गयी प्रर्याप्त सतर्कता और सावधानी बरतने की भी जरूरत है. यह वक्त भय में रहने और घबराने का नहीं है बल्कि एक दूसरे का साथ देने का है.
– इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :-
– दो गज की शारीरिक-दूरी का हमेशा पालन करें.
– मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें.
– भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें.
– मुँह, नाक, कान छूने से बचें.
– सफर के दौरान हमेशा सैनिटाइजर पास में रखें.
– बाहर में लोगों से बातचीत के दौरान आवश्यक दूरी का ख्याल रखें.