जमशेदपुर: लॉकडाउन के 20 वें दिन हमने जमशेदपुर से होकर गुजरनेवाली बड़ी वाहन का जायजा लिया. जहां सड़क पर पिछले बीस दिनों से लॉकडाउन के कारण फंसे चालकों और खलासियों का बुरा हाल है. शहरों- गांवों और कस्बों पर सरकारी सुविधाओं के साथ स्वयंसेवी संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से जरूरी राहत सामग्रियां पहुंचया जा रही है, लेकिन नेशनल हाइवे पर फंसे लंबी दूरी के गाड़ियों के चालकों और खलासियों के सामने भुखमरी की नौबत आन पड़ी है. इनके पास न पैसे हैं, न खाना बनाने का साधन. उधर जानकारी देते हुए चालक नवादा के चालक राकेश पासवान ने कहा लॉक डाउन का पालन हम लोग तो कर रहे है. नदी में नाहा लेते लेकिन पीने का पानी बड़ा मुश्किल से मिलता है.
वहीं जिला प्रसाशन चावल दे कर गए स्टोव में मिट्टी तेल जब तक था जलाए अब नहीं मिलने पर खाना नहीं बन रहा है. भूखे रहना पड़ रहा है. उधर चालक किशोर ठाकुर ने कहा पहले भूख से जान बचे तो हाजरी का चिंता करे. वैसे सामाजिक संस्था कभी खिचड़ी लेकर आते दो तीन दिन पर कभी प्रशाशन कुछ देते अब उनके इंतजार पर रहते. कभी नहीं मिला तो भूखे सो जाते. वहीं इन चालकों और खलासियों ने सरकार से थोड़ी सहूलित की मांग की है, ताकि ये सुरक्षित अपने घरों तक पहुंच सके. फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है, कि इनके लिए कोई राहत या छूट दी जाएगी. वैसे जिला प्रशासन और सरकार को मामले की गंभीरता को समझने की जरूरत है.
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