चाईबासा: ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज), झारखंड, रांची के अधिसूचना संख्या 01 स्था.(नि.)-02/2020-42/पं. के आलोक में तथा पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अरवा राजकमल के द्वारा निर्गत आदेश के तहत जिला परिषद, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के प्रथम बैठक दिनांक 19 जनवरी 2016 के आधार पर दिनांक 18 जनवरी 2021 को 5 वर्षों की अवधि पूरी होने के पश्चात स्वतः विघटित हो रही है और कार्यालय आदेश ज्ञापांक 16 बी/पं, के द्वारा जिला परिषद के विघटन के उपरांत कार्यकारी समिति का गठन किया गया है, जो दिनांक 19 जनवरी 2021 से प्रभावी होगी तथा कार्यकारी समिति के अध्यक्ष का पदनाम प्रधान, कार्यकारी समिति, जिला परिषद पश्चिमी सिंहभूम रहेगा.
उक्त व्यवस्था ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज), झारखंड सरकार द्वारा झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की धारा 24(4) (ग्राम पंचायत के संदर्भ में), धारा 42(4) (पंचायत समिति के संदर्भ में) तथा धारा 57(4) (जिला परिषद के संदर्भ में) के तहत की गई है तथा प्रधान, कार्यकारी समिति के गठन की तिथि से अपना कार्यभार ग्रहण किए हुए समझे जाएंगे एवं कार्यकारी समिति अपनी गठन की तिथि से अधिकतम 6 माह या चुनाव तक जो भी पहले हो, तक कार्य करेगी.
कार्यकारी समिति, जिला परिषद के गैर सरकारी सदस्यों (निर्वाचित तथा नामित) को बैठक में भाग लेने हेतु यात्रा भत्ता नियमानुसार अनुमान्य होगा. कार्यकारी समिति के प्रधान के रूप में मात्र उन्हीं शक्तियों का प्रयोग किया जा सकेगा, जो उन्हें जिला परिषद अध्यक्ष के पदेन कर्तव्य के निर्वहन के लिए अनिवार्य हो. पद के साथ अंतःविष्ट अन्य शक्तियां तथा सुविधाएं अनुमान्य नहीं होगी तथा उन्हें झारखंड पंचायत राज अधिनियम द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रदत्त संरक्षण का लाभ भी नहीं मिलेगा तथा समिति के अन्य सदस्यों की तुलना में प्रधान, कार्यकारी समिति की स्थिति में “समान में प्रथम“ के जैसी होगी.