दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवीं और आखिरी चरण की घोषणाएं कर रही हैं. सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. उसी के मुताबिक ये आर्थिक पैकेज तैयार किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा, “इस पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ, लिक्विडिटी पर जोर दिया गया है. पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया. इसके तहत 8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं.”
उन्होंने कहा कि पिछले दो माह में कोरोना वायरस से जंग में हेल्थ संबंधी कदमों में राज्यों में 4113 करोड़ रुपये जारी किए गए. जरूरी सामानों पर 3750 करोड़, टेस्टिंग लैब्स और किट्स के लिए 550 करोड़ रुपये की घोषणा की गई.
आपको बता दें कि वित्त मंत्री अब तक इस पैकेज के चार चरणों का ऐलान कर चुकी हैं. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए आज आर्थिक पैकेज को लेकर आखिरी ऐलान हो रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए. उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया. इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया.
उन्होंने कहा कि इस पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ, लिक्विडिटी पर जोर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया. इसके तहत 8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं.
जानें आर्थिक पैकेज के चौथे चरण में क्या-क्या ऐलान हुआ?
रक्षा उत्पादन क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई उपायों की घोषणा की. उन्होंने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा.
आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए सीतारमण ने कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी. सीतारमण ने कहा कि अभी आयात हो रहे कुछ कलपुर्जों का घरेलू उत्पादन शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाया जाएगा. बाद में इसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा. सीतारमण ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाने का यह मलब नहीं है कि उसका निजीकरण किया जाएगा.