रांची: चारा घोटाले में लालू प्रसाद से जुड़े मामले की सुनवाई सप्ताह में 2 दिन होगी. हर मंगलवार और शुक्रवार को फिजिकल कोर्ट में सुनवाई होगी. डोरंडा ट्रेजरी से अवैध तरीके से 139 करोड़ 35 लाख रुपय अवैध तरीके से निकालने का आरोप है. इस मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में सुनवाई शुरू हो चुकी है. RC 47A/96 में सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को फिजिकल कोर्ट में सुनवाई होगी. 10 महीने बाद मंगलवार को CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान बचाव पक्ष ने गवाह पेश करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने अगली तारीख 12 फरवरी तय की है.
डोरंडा ट्रेजरी मामले में लॉकडाउन के बाद से ही सुनवाई पूरी तरह से बंद थी. हाईकोर्ट के आदेश पर दो फरवरी से फिजिकल सुनवाई शुरू हुई है. सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में ट्रायल फेस कर रहे आपूर्तिकर्ता श्याम नंदन सिंह अपने बचाव में गवाह पेश करेंगे. अगर बचाव पक्ष गवाह पेश नहीं कर सका, तो मामले में बहस शुरू हो जाएगी. बहस के बीच अगर कोई आरोपी अपने बचाव में गवाह प्रस्तुत करना चाहे तो आवेदन देकर गवाह पेश कर सकेगा.
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप है. इस मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी हैं. सीबीआई ने शुरू में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू प्रसाद समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.
लालू प्रसाद को चारा घोटाले के नियमित मामले RC 20A/96 में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई. 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. देवघर कोषागार से जुड़े RC 64A/96 में साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई गई, जबकि 5 लाख रुपए का जुर्माना लगा. चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले RC 68A/96 में पांच साल की सजा सुनाई गई. 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. दुमका कोषागार से जुड़े मामले में सात-सात वर्ष की सजा सुनाई गई.
चारा घोटाला उस समय सुर्खियों में आया जब पश्चिमी सिंहभूम जिले (चाईबासा) के तत्कालीन उपायुक्त अमित खरे ने 27 जनवरी 1996 को उजागर किया. बिहार पुलिस ने इस पर केस दर्ज किया और जांच आगे बढ़ाई तो इसके तार लालू प्रसाद यादव और दूसरे लोगों से जुड़े. बाद में सीबीआई ने इस केस की जांच शुरू की, जो पिछले 25 वर्षों से चल रहा है.