मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ के आईआईएम में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. जहां सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, सीनियर आईएएस नवनीत सहगल, मंत्री सुरेश खन्ना, सतीश महाजन, चीफ सेकेट्री और सभी विभागों के सीनियर आईएएस भी आईआईएम पहुंचे. सीएम योगी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मित्रों सबसे पहले आप सबका आईआईएम परिसर में स्वागत करता हूं. हमारे लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है, यहां पर जो तीसरे चरण का कार्यक्रम था, वो आज संपन्न हो रहा है.
खासतौर पर आज की ये पीसी कारपोरेट जगत को पीएम के निर्देश पर है, जो वित्त मंत्रालय ने निर्देश दिया, उसके आभार हेतु ये पीसी है. साथ ही सीएम ने कहा कि वर्तमान में आर्थिक मंदी से दुनिया गुजर रही है. जिससे निपटने के लिए जो टैक्स में कटौती का निर्णय लिया गया वो एक साहसिक कदम है. इससे अर्थ जगत को नई ताकत प्राप्त होती है. टैक्स रेट कम होने से मंडी की मार झेल रहे उधोगों को काफी राहत मिली है और उन्हें निवेश के लाभ मिलेंगे.
टैक्स रेट की बात करें, तो भारत की कंपनियां दुनिया की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाती थी, क्योंकि टैक्स रेट काफी अधिक था. उन्होंने कहा की अमेरिका चीन ट्रेड वार का लाभ भारत को मिलेगा. अभी तक जो निवेश चीन जा रहा था अब भारत आएगा क्योंकि एशिया में टैक्स रेट भारत में सबसे कम हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन की बनाने की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा. आजादी के बाद का मार्केट सेंटीमेंट देखे, तो अर्थ जगत के लिए साहसिक और आर्थिक माना जाएगा.
वहीं सात लाख की नई छलांग भारत के मार्केट में देखने को मिली है. इसके यूपी में भी सकरात्मक परिणाम आएंगे. इसका राजस्व पर भी कोई प्रभाव नही पड़ेगा. जिन्होंने पहले निवेश यूपी की तमाम पालिसी के तहत किया है, उन्हें सरकार पहले की भांति तमाम सुविधाएं देगी. टैक्स रेट में कटौती कर सरकार ने आर्थिक मंदी में एक नया रास्ता दिया है. इसका ऑटो मोबाइल सेक्टर में फायदा मिलेगा.
यूपी में भी इसका लाभ मिलेगा. देश के अंदर जिन क्षेत्रों में विशेष काम करने होंगे उसके लिए हम तैयार हैं. पिछले ढाई वर्ष के अंतराल में देश दुनिया का नया निवेश आया है. एशिया में सबसे कम होना, यूएस चाइना के अधिक लाभ उत्तर प्रदेश लेगा. बेहतर निवेश की संभावनाएं हैं, इस क्षेत्र में यूपी ने लम्बी छलांग लगाई है. योगी ने कहा कि विगत ढाई साल में 100 दिनों के अंदर भारत सरकार ने इस दिशा में बहुत काम किया. बैंक के मर्जर को लेकर, पहले बैंक कर्ज देने में आनाकानी करते थे. इसमें सुधार किया गया, जिसका फायदा बैंकों की मदद से अब लोगों को यूपी में मिला हैं.