16 जुलाई, 1969 को कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 ए में सुबह 08:32 बजे Saturn V rocket को लॉन्च किया गया. नासा के इस मिशन के लिए माइकल कोलिन्स अहम भूमिका निभा रहे थे जो कमांड मॉड्यूल को चांद तक लेकर गए थे. वहीं नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज एल्ड्रिन चांद की सतह पर कदम रखा. दुनिया कई हजारों वैज्ञानिकों के लिए ये एक उपलब्धि थी. नासा के Apollo 11 मिशन में 400,000 लोगों की एक विशाल टीम थी. जो इस मिशन के लिए दिन रात काम कर रही थी. टीम मे नील आर्मस्ट्रांग, एडविन बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स को इस मिशन के लिए चुना गया था.
आज से 50 साल पहले नासा ने Apollo 11 मिशन को पूरा किया. नासा के इस मिशन में पहली बार चंद्रमा पर इंसान को उतरा गया था. ये पुरी दुनिया के लिए गर्व का दिन था. इसी मौके पर गूगल ने एक खास डूडल बनाया है. इस डूडल में Google ने एक एस्ट्रोनॉट को चांद पर उतरता हुआ दिखाया गया है. गूगल डूडल के वीडियो में रॉकेट लिफ्ट ऑफ के बाद माइक कोलिन्स की आवाज आनी शुरू हो जाती है. गूगल डूडल पर शेयर किया गया यह वीडियो 4 मिनट 37 सेकेंड का है.
चांद की परिक्रमा करने के बाद, चंद्र मॉड्यूल जिसे “ईगल” के रूप में जाना जाता है, चंद्रमा की सतह पर 13 मिनट की यात्रा के लिए अलग हो गया. ये गंभीर समस्याएं थीं, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकती थीं, लेकिन किस्मत अच्छी थी और किसी भी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई.
अंतरिक्ष यात्रिया को दो गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था. पहली समस्या थी कि नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन ने पृथ्वी के साथ रेडियो संपर्क खो दिया था. वहीं दूसरी समस्या यह थी कि ईंधन की कमी थी. नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन दोनों ने 20 जुलाई, 1969 को चंद्रमा के एक गड्ढे को ऐतिहासिक रूप से ऐतिहासिक चंद्रमा लैंडिंग की शुरुआत करते हुए सफलतापूर्वक ‘सी ऑफ ट्रेंक्विलिटी’ के लिए मॉड्यूल दिया था.
25 जुलाई, 1969 को तीनों अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौट आए और चांद के उतरने की वजह से ही नहीं बल्कि कई वैज्ञानिक सफलताओं के कारण ऐतिहासिक आंकड़े बन गए. नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पृथ्वी के पहले व्यक्ति बन गए थे. उन्होंने वापस लौटकर कहा था कि “यह एक छोटा कदम है एक आदमी के लिए, लेकिन मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग है.”
इस दिन के लिए नील आर्मस्ट्रांग, एडविन “बज़” एल्ड्रिन, माइकल कोलिन्स और 400,000 अंतरिक्ष टीम की खून, पसीने और मेहनत से ही अपोलो 11 मिशन कामयाब हो पाया. वो दिन पूरी दुनिया के लिए यादगार बन गया.