रांची:-शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के बाद प्रतिमा विसर्जन के पूर्व मां दुर्गा को विदाई देने और सौभाग्य की कामना के साथ महिलाओं ने सिंदूर खेला.
राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक के निकट स्थित दुर्गा बाड़ी समेत बांग्ला समुदाय द्वारा निर्मित विभिन्न पूजा पंडालों में महिलाओं ने सिंदूर खेला में हिस्सा लेकर अखंड सौभाग्य की कामना की. महिलाओं ने मां को सिंदूर लगाकर मंगलकामना की और उन्हें भोग लगाकर उनका आशीर्वाद लिया. इनके बाद सुहागन महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगा कर सुहाग पर आने वाला हर संकट टालने की मां से कामना की.
माँ दुर्गा की विदाई के पहले बांग्ला समुदाय की महिलाएं खासतौर पर सिंदूर खेला का आयोजन करती हैं. हर तरफ उड़ता सिंदूर माहौल को और भक्तिमय बना देता है . वहीं, महिलाओं द्वारा सालों से चली आ रही मां की विदाई से पहले उन्हें सिंदूर लगाने की परंपरा निभाई जाती है . एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मस्ती भी करती है. मान्यता है कि दुर्गा मां अपने परिवार के संग मायके आई है और ससुराल जाते समय दशमी के दिन उनकी मांग भरी जाती है. बंगाली समाज में सिंदूर खेला की परंपरा सालों से चली आ रही है. हर सुहागन यही मनोकामना करती है कि उसके सुहाग पर आने वाला हर संकट मां दुर्गा टाल दें. एक तरफ मां की विदाई तो दूसरी तरफ सुहागिनें मन में उमंग और सौभाग्य की कामना लिए सिंदूर खेला खेलती हैं.
इस वर्ष कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा कई गाइडलाइन दिए गए है जिसका पालन करते हुए महिलाएं अपनी परम्परा और संस्कृति को लेकर सदा सुहागन की कामना लिए माँ दुर्गा की बिदाई में शामिल हुई और माँ दुर्गा से यही प्राथना किये कि माँ देश को कोरोना से मुक्ति दे और आने वाले वर्ष में माँ दुर्गा की भव्यता के साथ मां का आगमन हो मां दुर्गा सभी को समृद्धि और स्वस्थ रखे.