खास बातें:-
पारा शिक्षकों को नियमित करने हेतु नियमावली का हो रहा है निर्माण
कांग्रेस ने वोट बैंक के कारण राम मंदिर मामले को लटका कर रखा
रघुवर दास ने गढ़वा के रंका में जनसभा को संबोधित किया
रांचीः सीएम रघुवर दास ने कहा कि झारखंड बहुत समृद्ध राज्य है. लेकिन कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यहां की संपदा का भरपूर दोहन किया है. हेमंत सोरेन ने झारखंड के बालू तक को बेच दिया.
आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ मुद्रा मोचन पार्टी बनकर रह गई है. आदिवासियों और गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले पार्टी के लोगों ने सिर्फ अपना विकास किया. रघुवर दास रविवार को गढ़वा के रंका में आयोजित जनसभा में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लालच में कांग्रेस ने दशकों तक राम मंदिर का मामला लटका कर रखा. आपके द्वारा मिले प्रचंड बहुमत के बल पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हर दिन सुनवाई करने का अनुरोध किया, जिसका परिणाम है कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ.
इस निर्णय के बाद देश के लोगों ने आपसी सौहार्द की गजब मिसाल पेश की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अपनी सहमति जताई. जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए का हटाना भी आपके द्वारा मिले बहुमत का प्रतिफल है.
सभी नियुक्तियां स्थानीय नीति परिभाषित होने के बाद संभव हो पाया
उन्होंने बड़े ही तार्किक अंदाज में कहा कि ये जो बच्ची खाकी वर्दी में यहां खड़ी है, उसकी नियुक्ति सहायक पुलिस के तौर पर वर्तमान सरकार द्वारा की गई है. ये सभी नियुक्तियां सिर्फ और सिर्फ स्थानीय नीति परिभाषित होने के बाद संभव हो पाया.
वर्तमान सरकार ने 10 साल तक के लिए शेडूयूल और नन शेडूयूल एरिया में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में स्थानीय को प्राथमिकता देना सुनिश्चित किया है.
स्थानीय नीति परिभाषित होने से एक लाख से ज्यादा सरकारी नौकरी का सृजन हुआ, जिसमें 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीय लोगों की नियुक्ति हुई.
राज्य गठन के बाद स्थानीय नीति को वोट बैंक के कारण परिभाषित नहीं किया गया
राज्य गठन के बाद स्थानीय नीति को वोट बैंक के कारण परिभाषित नहीं किया गया. लेकिन एक निर्णय लेने वाली मजबूत सरकार की वजह से यह संभव हो पाया. मिलावटी और खिचड़ी सरकार की वजह से झारखंड 2014 से पूर्व बदनाम रहा.
विगत 5 वर्ष में हमने ईमानदार और बेदाग सरकार देने का प्रयास किया है. विपक्ष भी वर्तमान सरकार पर आरोप नहीं लगा सकता. हमने राज्य के विकास की शुरुआत कर दी है. आप गढ़वा की स्थिति की तुलना 5 वर्ष पूर्व से करें तो आपको इसका अनुमान होगा कि आपके जनप्रतिनिधि ने क्षेत्र के विकास के लिए क्या योगदान दिया.
जिस तरह मिलावटी खाना सेहत के लिए नुकसानदेह है. उस तरह मिलावटी सरकार भी राज्य के लिए नुकसानदेह साबित होगा. आप एक स्थिर और मजबूत बहुमत वाली सरकार का निर्माण करें. ताकि झारखंड के विकास का कारवां जो आगे बढ़ चला है, उसे गति दी जा सके.
पारा शिक्षकों को नियमित करने की हो रही है पहल
रघुवर दास ने कहा कि पारा टीचर राज्य के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं. जब जब भाजपा की सरकार बनी है तब पारा टीचर का मानदेय बढ़ाया गया. पारा टीचर को नियमित करने हेतु नियमावली बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, जिसे नई सरकार बनने के साथ अमलीजामा पहना दिया जाएगा.
अप्रशिक्षित पारा टीचर्स को भी भारत सरकार से अनुरोध कर उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु समय देने का अनुरोध राज्य सरकार करेगी. आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का प्रोत्साहन राशि भी वर्तमान सरकार द्वारा बढ़ाया गया है.
किसानों को मिल रहा डबल इंजन सरकार का फायदा
रघुवर दास ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार किसानों को उनके कृषि कार्य हेतु आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ राज्य के 35 लाख किसानों को मिल रहा है.
30 लाख घरों तक 5 साल में पहुंचाई बिजली
कांग्रेस के शासन काल में झारखंड के सिर्फ 38 लाख घरों में बिजली थी. 30 लाख घर बिजली से वंचित थे. वर्तमान सरकार ने विगत 5 वर्ष के अंदर 30 से लाख घरों तक बिजली पहुंचा दी.
जिस राज्य में 134 ग्रिड की जरूरत थी, वहां कांग्रेस के 67 साल के शासनकाल में मात्र 38 ग्रिड बना था. वर्तमान सरकार 70 ग्रिड एवं 200 सब स्टेशन का कार्य फरवरी 2020 तक पूरा कर देगी. इसके बाद हम 24 घंटे बिजली जनता को उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकेंगे.
रंका को प्रखंड का दर्जा देने की होगी पहल
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जो बड़े जिले हैं उन्हें दो अलग-अलग जिलों में तब्दील किया जाएगा. साथ ही आवश्यकता के अनुरूप प्रखंड, अनुमंडल और पंचायतों में भी वृद्धि की जाएगी. रंका को प्रखंड बनाने की दिशा में नई सरकार अवश्य पहल करेगी.
पलामू प्रमंडल स्थित मंडल डैम का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद क्षेत्र के किसान बहुफसलीय खेती करने में सक्षम हो सकेंगे. इस निमित्त लगातार काम हो रहा है. वे एक गरीब परिवार से आते हैं. उन्होंने टाटा स्टील में 15 साल लोहा तोड़ा. उनके पिता खलासी थे. वे गरीबों की पीड़ा समझते हैं, जिसका उन्हें अनुभव है. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य झारखंड की गरीबी को दूर करना है. ताकि अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सके.