रांचीः अगर झारखंड की रहबरी अब भी नहीं चेती तो लेने के देने पड़ सकते हैं. प्रदेश में कोरोना बेकाबू होता नजर आ रहा है. इस बेकाबू होते कोरोना पर अंकुश के लिए खुद ही पहल करनी होगी. इसके तमाम गाइडलाइनों का पालन करना होगा.
सरकार अपने स्तर से इस पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास कर रही है. कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे पुलिस –प्रशासन, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ सहित अन्य अपनी भूमिका का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं. लेकिन सूबे की रहबरी को खुद आगे आना होगा.
जब रक्षक ही इस महामरी की चपेट में आ जाएं तो फिर रहबरी का क्या होगा, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है. प्रदेश में हाल यह हो गया है कि लोगों को जागरूक करने वाले और आमजन की सुरक्षा में लगे लगभग 66 पुलिसकर्मी इस महामारी की चपेट में आ गए हैं.
इस पर भी गंभीरता से मंथन करने की जरूरत है. फिहाल जो आंकड़ा सामने आ रहा है वह काफी भयावह है. प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4000 के करीब पहुंच गया है.
30 जून तक प्रदेश में 2490 कोरोना पॉजिटिव मिले थे, लेकिन अगले 14 दिन में 1473 नये मरीज मिल गए. जो 1.78 फीसदी से बढ़कर 4.68 फीसदी हो गया है.
मरीजों की संख्या में लगातार ईजाफा हो रहा है. अगर यही रफ्तार रही तो अगले 15 दिनों में मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. अब तक इस महामारी ने 33 लोगों की जान लील ली है.
कारण यह भी है कि अब कोरोना की धमक प्रशासनिक महकमे से लेकर मंत्रिमंडल तक हो गई है. हजारीबाग डीसी कार्यालय के चौखट तक इसकी पहुंच हो गई है.
मंत्रिमंडल के एक मंत्री भी इससे अछूते नहीं रहे. राजधानी रांची में भी इसकी रफ्तार थमती नजर नहीं आ रही. अब महामारी के कहर के कारण हजारीबाग नगर-निगम क्षेत्र में एक सप्ताह के लिए पूर्ण तालाबंदी का निर्णय लिया गया है.