हजारीबाग में भूमि पर अतिक्रमण का मामला थम ही नहीं रहा । समाहरणालय हजारीबाग के सामने सारले मौजा के अंतर्गत आनेवाले कैशरहिन्द खाता का प्लौट पर अतिक्रमण कर पक्का आलीशान भवन बनाया गया है। यह घर बनाने के लिए करीब तीन कट्ठा सरकारी जमीन का अतिक्रमण किया हुआ है जिसका वर्तमान में कीमत करोड़ों में हैं इतना ही नहीं इस घर में जाने के लिए करीब ३० फुट चौड़ी सड़क भी एग्रीकल्चर लीज वाले सरकारी भूमि पर बनाया गया है ।
शिकायत के बावजूद अतिक्रमण कर बन गया मकान
इस जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत शुरुआत में तत्कालीन अंचलाधिकारी से की गई। तत्काल प्रभाव से काम रुक गया परंतु वर्तमान में भू माफियाओं के द्वारा सरकारी भूमि पर ३० फूट चौड़ा रास्ता व पक्का मकान बना लिया गया है जो तस्वीर में साफ़ साफ़ देखा जा सकता है।
भू माफियाओ का खेल निराला
यह अतिक्रमण स्थान एनएच मनोकामना मार्बल के ठीक पीछे है ,और समाहरणालय हजारीबाग के ठीक सामने महज़ चंद क़दमों की दूरी पर है। इसी स्थान पर समाहरणालय के आसपास कई होटल एव दुकान सड़क की भूमि को अतिक्रमण क्र बनाया गया है ।

ज्ञात हो की समाहरणालय हजारीबाग में पदस्थापित बड़े ओहदे वाले पदाधिकारियों का आना जाना होता है, दुर्भाग्य है की उनके नाक के नीचे भू माफियाओं द्वारा सारा खेल खेला जा रहा है।
अंचल व प्रशासन मौन
हालाँकि हजारीबाग समाहरणालय के आसपास अतिक्रमण एक गंभीर समस्या है, प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है। इसके बावजूद अतिक्रमणकारी और भू माफिया द्वारा सक्रिय रूप से रातोंरात दुकान व मकान बना लिया जाता है।