चतरा: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की अधूरी योजनाओं को पूरा कराने के लिए अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए लाभुकों को कई दिशा निर्देश दिया है. अधूरे सभी आवासों का निर्माण कार्य 31 मार्च तक पूरा कराने की समय सीमा निर्धारित की है. यदि इसके बाद भी लाभुक किसी प्रकार की कोताही बरतते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना पदाधिकारी फणीन्द्र गुप्ता ने बताया कि जिले में 2235 आवास अधूरा है. यह सभी लाभुक एक साल से प्रथम किस्त की राशि लेकर आवास का कार्य नहीं कर रहे हैं. जिसके कारण सरकार ने ऐसे लाभुकों को डीले हाउस की सूची में डाल दिया था. लेकिन उन्हें 31 मार्च तक आवास का कार्य पूरा करने का अंतिम मौका दिया गया है. सबसे ज्यादा प्रतापपुर प्रखंड में आवास लंबित है.
प्रतापपुर प्रखंड में 575, सिमरिया में 378, कुंदा में 44, लावालौंग में 266, हंटरगंज में 338, मयूरहंड में 63, कान्हाचट्टी में 95, चतरा में 169, पत्थलगडा में 47, टंडवा में 169, इटखोरी में 37, गिद्धौर प्रखंड में 54 आवास का कार्य अधूरा है. आवास निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है. जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंचकर लाभुकों को संपर्क कर आवास निर्माण का कार्य पूरा कराने की अपील कर रहे हैं. उम्मीद है कि नियत समय पर अधूरे आवास का निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.