नई दिल्ली: आईपीएल के 13वें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स को पहली हार का स्वाद चखना पड़ा. शारजाह में खेले गए मुकाबले में उसे राजस्थान रॉयल्स की टीम ने 16 रन से पटखनी दी. मैच के बाद धोनी ने जहां स्पिनरों को हार का जिम्मेदार ठहराया, वहीं खुद धोनी के फैसले और उनकी बल्लेबाजी को लेकर भी लोगों ने सवाल उठाए.
दरअसल अहम मुकाबले में जब टीम को रनों की दरकार थी और तेजी से रन बनाने थे, तब धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे. उन्होंने खुद से पहले सैम करन, केदार जाधव और ऋतुराज गायकवाड़ को बल्लेबाजी के लिए भेजा. इतना ही नहीं जब सीएसके को करीब 17 रन प्रति ओवर के हिसाब से रन बनाने थे और एक छोर पर फाफ डुप्लेसिस तेजी से रन बटोर रहे थे, तब धोनी बेहद धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे.
इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि धोनी और फाफ के बीच छठे विकेट के लिए 31 गेंदों में 65 रनों की साझेदारी हुई. इसमें डुप्लेसिस ने 19 गेंदों में 55 रन तो धोनी ने 12 गेंदों में सिर्फ नौ रन बनाए. इतना ही नहीं जब टीम को तेजी से रन बनाने की आवश्यकता थी, तब धोनी सिर्फ एक-एक रन ले रहे थे, यही कारण था कि उन्होंने अपनी पहली बाउंड्री लगाने में 14 गेंदों का इंतजार किया.
धोनी ने अपनी इस धीमी पारी के ऊपर तो कुछ नहीं बोला लेकिन खुद के सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए 14 दिनों के पृथकवास को जिम्मेदार बताया. धोनी ने मैच के बाद कहा, ’14 दिन तक पृथकवास पर रहने का खराब प्रभाव पड़ा है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने लंबे समय से बल्लेबाजी नहीं की है. इसके अलावा 14 दिन के पृथकवास से भी मदद नहीं मिली. मैं सैम को मौका देकर कुछ नई चीजें भी आजमाना चाहता था. फाफ ने आखिर में अच्छी पारी खेली.’