प्रमुख संवाददाता : उपेंद्र कुमार सिंह
झारखंड : मॉनसून सत्र में शोर-शराबे के बीच विपक्ष की ओर से पौलुस सुरीन ने कहा कि ‘जय श्री राम’ का उद्घोष नहीं चलेगा. इसके जवाब में शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने जय श्रीराम के नारे लगाए. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाई 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. बीते कई सत्रों की तरह झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष के हंगामा रेट चल गया. सदन के अंदर और बाहर रघुवर सरकार को विपक्ष ने स्पष्टीकरण की मांग की, सदन के भीतर भी रघुवर सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए नारेबाजी की गई.
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विपक्ष का भारतीय वनाधिकार संशोधन पर एतराज:
झामुमो के हेमंत सोरेन सहित अन्य नेताओं ने भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन को लेकर सदन के भीतर काफी देर तक हंगामा किया और वेल में भी आकर नारेबाजी की और रघुवर सरकार को सदन में अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया. झामुमो के कुणाल षाड़ंगी ने इस विषय पर कार्य स्थगन पेश किया जिसे विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने अमान्य कर दिया.
स्पीकर ने कहा विपक्ष सदन को हाईजेक ना करे:
स्पीकर द्वारा आक्रोश जताते हुये कहा गया कि जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, तो किस नियम के तहत ही कार्रवाई होगी, सदस्यों को ये बात समझनी चाहिए कि बाद मे विधानसभा अध्यक्ष ने झामुमो सदस्यों से कहा कि सदन को हाइजेक न करें करवाई सुचारू रुप से चलने दे.
जय श्रीराम का नारा झारखंड विधानसभा में भी :
सदन में हंगामा के दौरान भाजपा के सदस्यों के तरफ से जय श्रीराम के नारे लगाए और कहा गया कि झामुमो से पौलुस सुरीन ने कहा था कि जय श्री राम नहीं चलेगा उसका जबाब था. भाजपा सदस्यों द्वारा नारा लगाए जाने पर विपक्ष ने आलोचना की.
इसके बाद सदन की कार्यवाही को स्पीकर ने 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन की कार्यवाही 12.30 बजे दोबारा शुरू हुई, लेकिन शोर-शराबा नहीं थमा. इस समय भी विपक्ष के तरफ से हंगामा होने से सदन की कार्यवाही स्पीकर महोदय ने 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इधर, सदन के बाहर झामुमो, कांग्रेस के नेताओं ने तख्तियां लेकर रघुवर सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर नारेबाजी की.