कर्मियों के हड़ताल पर जाने से सदर अस्पताल क व्यवस्था चरमराई, प्रशिक्षु नर्सो पर मरीजों की जिम्मेदारी
हजारीबाग
झारखंड राज्य एनआरएचएम कर्मचारी संघ की हजारीबाग जिला इकाई ने विभिन्न मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय के पास धरना पर बैठे। जिले के 224 कर्मी हड़ताल पर चलें गए। इनसे धरना पर चले जाने से जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। विशेष रुप से सदर अस्पताल पर प्रभाव पड़ा है। यहां प्रशिक्षु नर्सों पर अतिरिक्त बोझ आ गया है। एक या दो नर्सों पर दो से तीन वार्डों की जिम्मेदारी है। यह हड़ताल का पहला दिन है। कर्मी गुरुवार तक हड़ताल पर रहने का अल्टीमेटम दिया है। इस धरना को झारखंड आयुष चिकित्सा संघ के प्रदेश संरक्षक डॉ आनंद शाही ने भी खुल कर समर्थन किया । साथ ही उन्होंने कहा की सभी कर्मियों का जायज मांग है । अन्य राज्यों में अनुबंध कर्मियों को परमानेंट किया जा रहा और समकक्ष वेतन भी देने का प्रावधान बनाया जा रहा है। अनुबंध कर्मियों का खून चूसने का काम सरकार कर रही है।सबसे ज्यादा ड्यूटी अनुबंध कर्मचारी ही करते है,फिर भी सरकार कोई ठोस नियम नही बना पा रही है,एक तरफ प्रधानमंत्री कहते है कि सबको बराबर का हक मिलेगा,सबको परमानेंट नियुक्त किया जाएगा,बेरोजगरी मिटा के रहेंगे। जबकि सच यह है कि आज अनुबंधकर्मी अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अगर इनकी मांग पूरी नही हुई तो पूरे झारखण्ड में बड़ा आनदोलन होगा। धरना पर बैठे डीपीएम प्रतिमा कुमारी, अकाउंट मैनेजर अनिल कुमार, डीडीएम अखिलेश्वर ने कहा कि हम अपने हक अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारी मांगों पर जब तक विचार नहीं किया जाता है आन्दोलन जारी रहेगा।
अनुबंध कर्मियों और पदाधिकारियो की प्रमुख मांगे: बचे हुए 77 एमपीडब्ल्यू को अविलंब सेवा में वापस लिया जाय,
निलरंजन सिंह राज्य शीत सृंखला पदाधिकारी को गलत तरीके से हटाये जाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए, एमपीडब्ल्यू एम को सातवे वेतन का लाभ देते हुए अबिलम्ब स्थायीकरण की प्रक्रिया पूर्ण किया जाय, सभी एनएचएम कर्मियों तथा एसपीएमयू, डीपीएमयू, बीपीएमयू सहित अन्य सभी कर्मचारियो का पदसृजन करते हुए स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू किया जाय,
एएनएम, जीएनएम सहित सभी पारामेडिकल कर्मियों को स्थायी करने की प्रक्रिया अविलंब पूर्ण किया जाय ,
आयुष चिकित्सा पदाधिकारियो को स्थायी करने की प्रक्रिया अविलंब पूर्ण किया जाय, अनुबंध कर्मियों पर किये जा रहे है दमनात्मक कार्यवाही पर अबिलम्ब रोक लगाई जाए जैसी मांगे शामिल हैं। आन्दोलन में ज़िले के सभी अनुबंध कर्मी शामिल हैं।