ब्यूरो चीफ, रांची
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी ने कहा है कि रेल मंत्रालय की तरफ से झारखंड में 40 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसमें 25 हजार करोड़ से अधिक की लागत से 14 नयी रेलवे लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है.
रेलवे गेस्ट हाउस में वृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए रेल राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है. दूसरे पायदान पर स्वच्छता और तीसरे पायदान पर ट्रेनों के समय पर स्टेशनों तक पहुंचने की सीमाएं तय की गयी हैं.
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि देश का पहला बुलेट ट्रेन दिसंबर 2023 से शुरू हो जायेगा. यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी, जिसकी स्पीड 400 किलोमीटर से अधिक होगी. बुलेट ट्रेन परियोजना पर काफी तेजी से काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि रेलवे ने विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीयों से बुलेट ट्रेन टेक्नोलाजी की दिशा में सहयोग करने की अपील भी की है.
50 लाख करोड़ के विनिवेश से बदलेगी रेलवे की सूरत
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि 50 लाख करोड़ के विनिवेश से रेलवे की सूरत बदलेगी. इस दिशा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जिक्र भी किया है. आनेवाले दस वर्षों में रेलवे की दशा-दिशा सुधारने के व्यापक कदम इसमें उठाये जा रहे हैं, जिसमें यात्री कोचों में बेहतर सुविधा, बायो टॉयलेट, रेलवे की कैटरिंग, रेलवे लाइनों की क्षमता सुदृढ़ करने पर काम होगा. इसके लिए 10 वर्ष लगेंगे. उन्होंने कहा कि पुराने कोचों को बदलने का काम भी तेजी से चल रहा है. 57 हजार कोचों को बदलने की आवश्यकता है. वर्षवार इस पर काम चल रहा है. रेल कोच फैक्टरियों का उत्पादन भी बढ़ाया जा रहा है.
रांची राजधानी को सात दिन करने के मामले को बोर्ड बैठक में रखूंगा
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि रांची राजधानी को सात दिन तक चलाने की मांग को वे रेलवे बोर्ड की बैठक में रखेंगे. फिलहाल रांची राजधानी सप्ताह में दो ही दिन खुलती है. उन्होंने राजधानी समेत अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों में बेहतर खाना खिलाने के लिए IRCTC को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. रांची में भी IRCTC का उत्पादन शुरू होगा. यहां के खानों का लूत्फ दूसरे ट्रेनों में सफर करनेवाले लोग उठा सकेंगे. रेलवे हर प्रदेश का खाना यात्रियों को उपलब्ध करायेगी. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे रीजर्व कोच में न घूसें. यात्रियों को इससे परेशानी होती है. रेल प्रशासन ऐसी स्थिति में युवाओं के साथ सीधे इंटरैक्ट करें और उनकी परेशानियों को सुलझाने की दिशा में काम करें.