रांची: JPSC पर झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. मामले पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने छठी रिवाइज्ड रिजल्ट (Preliminary Test Results) को निरस्त (Cancel) कर दिया है. हाईकोर्ट ने झारखंड को विज्ञापन की शर्तों के मुताबिक ही रिजल्ट जारी करने का फैसला सुनाया है.
इस संबंध में पंकज कुमार पांडेय ने अपील याचिका दायर कर कहा था कि जेपीएससी ने परीक्षा प्रक्रिया शुरु होने के बाद नियमों और शर्त में बदलाव किए हैं.
सरकार के संकल्प को खारिज करते हुए मेंस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा के सफल सिर्फ 6103 परीक्षार्थियों के रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए गए है.
JPSC पर झारखंड हाईकोर्ट का फैसला
मेंस परीक्षा के परिणाम पर रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को काफी गहमागहमी के बीच उच्च न्यायालय ने अपना अहम फैसला सुनाया. प्रारंभिक परीक्षा में तीन बार संशोधनों के बाद करीब 34 हजार अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे.
इस फैसले से झारखंड के हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी मामले में सरकार के विज्ञापन की शर्तों में किए गए बदलाव को खारिज कर दिया.
अदालत ने निर्देश दिया है कि प्रथम प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर ही मुख्य परीक्षा का रिजल्ट प्रकशित किया जाए. पहली बार छठी जेपीएससी का परिणाम वर्ष 2017 में आया था. तब करीब 5000 अभ्यर्थी पीटी में सफल घोषित किए गए थे. जिसे बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर रिवाइज किया गया था.
सरकार के आदेश और नियमों का हवाला देते हुए न्यूनतम अंक की अर्हता में बदलाव किया गया. अंक बदलने के कारण परीक्षा के परिणाम भी बदले और संशोधित परिणाम जारी किया गया. याचिका मेम कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता.
उधर सरकार का कहना था कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस तरह की अधिसूचना जारी की थी और इस तरह के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है.