भोपालः MP अजब है ….. ये मध्य प्रदेश के पर्यटन का स्लोगन इन दिनों यहां की राजनीतिक उठापटक पर बिलकुल फिट बैठ रहा है. वैसे तो MP में कॉन्ग्रेस की कमल सरकार बनने से सिंधिया और उनके समर्थकों में बगावत के राग देखे गए थे .
लेकिन जैसे तैसे 10 जनपथ ने मामले को संभाल लिया और कमल नाथ को मध्यप्रदेश का सीएम बना दिया. बावजूद इसके सिंधिया ने ये संकेत दे दिया कि वो कॉंग्रेस के इस फैसले से नाखुश हैं और लगातार अपनी नाराजगी प्रदर्शित भी कर रहे.
अब सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, दरअसल सिंधिया ने शिक्षकों के समर्थन में अपनी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान किया था जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सिंधिया पर निशाना साधा.
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उन्होंने कहा कि घोषणापत्र पांच साल के लिए होता है न कि पांच महीनों के लिए. यही नहीं कमलनाथ ने शुक्रवार शाम दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट में जारी उठापटक को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने समन्वय समिति की मीटिंग बुलाई है.
मीटिंग में कमलनाथ के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, दीपक बाबरिया, मीनाक्षी नटराजन और जीतू पटवारी शामिल होंगे. बतातें चले कि शुक्रवार को सोनिया से मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने सिंधिया की ओर से राज्य सरकार पर किए गए हमले को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की थी .
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कलमनाथ ने पत्रकारों को बताया कि ‘मैंने पार्टी अध्यक्ष को बताया कि हमारी सरकार प्रदेश में वचनपत्र के वादों को पूरा करने में कितनी सक्षम है.’ पंचायती चुनाव और नगर पालिका के चुनाव की तैयारियों और संगठन के मुद्दों पर भी बातचीत हुई.
इस दौरान जब सिंधिया के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो कमलनाथ ने कहा, ‘वचन पत्र पांच साल के लिए होता है, पांच महीने के लिए नहीं.’ यह भी बता दें कि गुरुवार को सिंधिया ने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के गांव में गेस्ट टीचर्स को संबोधित किया था.
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इस दौरान उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो अपनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में नहीं हिचकिचाएंगे. सिंधिया ने कहा था, ‘मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी.
मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.’ उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था, ‘अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना.
आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है. थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आएगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा.
वहीं मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं है. गोविंद सिंह ने कहा, ‘सिंधिया राज्य के नेता हैं और उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है. मैं सिंधिया को सलाह दूंगा कि उन्हें प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री से मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा कि गेस्ट टीचर्स को नियमित करने के लिए नियुक्त नहीं किया गया था.