कर्नाटक में तमाम नाटक के बीच सत्ता संग्राम जारी है। कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि जब तक हमें उच्चतम न्यायालय के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, इस सत्र में बहुमत परीक्षण कराना उचित नहीं होगा। कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार बहुत फूंक-फूंककर अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके कदम उठा रहे हैं। केआर रमेश कुमार ने अभी तक कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों की सदस्यता पर कोई फैसला नहीं लिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के इस्तीफा देने के बाद उनके इस्तीफा पर निर्णय नहीं लिया है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि विधायक के पास एक ने अपना इस्तीफा वापस लेने संबंधी जानकारी भेज दी है।
कर्नाटक में गुरुवार को चर्चा के बाद विधानसभा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं भाजपा विधायकों ने कहा है कि वे पूरी रात धरने पर बैठेंगे। उन्होंने स्पीकर से मांग की कि विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल के पत्र का जवाब दें और विधानसभा में आज ही मत परीक्षण किया जाए।
सत्तारूढ़ गठबंधन में विधायकों के बागी होने पर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी एक पंक्ति का प्रस्ताव लाए और उन्होंने कहा कि सदन ने उनके नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में विश्वास जताया। जैसे ही प्रस्ताव लाया गया, विपक्षी भाजपा नेता बीएस येद्दियुरप्पा खड़े हुए और उन्होंने कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक ही दिन में पूरी होनी चाहिए।
इस पर कुमारस्वामी ने येद्दियुरप्पा पर तंज कसते हुए कहा, ‘विपक्ष के नेता काफी जल्दबाजी में दिख रहे हैं। भाजपा इस बात को लेकर आशंकित है कि सत्तारूढ़ गठबंधन मतदान होने से पहले संख्याबल को मजबूत करने के अंतिम प्रयास में जितना संभव हो सके उतना समय बिताने के लिए बहस को लंबा खींचने की कोशिश करेगा।