राज्यसभा सदस्य और भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष महेश पोद्दार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को बुधवार को लिखे गए खुले पत्र पर अब राजनीति और तेज हो गई है. एक तरफ मंत्री सीपी सिंह ने गुरूवार को इस पत्र के जवाब में साफ कहा कि सिर्फ हरमू नदी ही नहीं सवाल तो हर परियोजना पर खड़े होंगे. अगर सांसद को लगता है तो वे मुख्यमंत्री से बात करें. सीबीआई जांच कराएं
सीपी सिंह के इस बात पर महेश पोद्दार से सवाल पूछने पर कहा कि मैं सीएम से बात क्यों करूं. ये मंत्री के विभाग का मामला है. सब कुछ उनकी नाक के नीचे हो रहा है.
इधर मंत्री और सांसद की इस तनातनी पर विपक्षी दल भी मुखर हो गये हैं. झामुमो और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा को आड़े हाथों लिया. दोनों दलों द्वारा जारी बयान में कहा गया कि राज्य सरकार का भ्रष्टाचार का खुलासा पार्टी के ही सांसद कर रहे हैं.
शिकायत है तो सीएम से कहें, सीबीआई जांच करवा लें
झारखंड के निगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस पर कहा कि पूरा प्रकरण अखबार में छपा है. पार्टी के लोग अखबार पढ़ते हैं. अब उन्हें तय करना है. मुझे आपत्ति इस बात से है कि पत्र मीडिया में क्यों लाया गया. इस पत्र के पीछे क्या औचित्य है. सांसद को सीएम को लेटर लिखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि क्या सीवरेज ड्रेनेज के 200 करोड़ का पेमेंट हो गया है. फिर ये मामला कहां से आ रहा है. मैंने स्वयं कहा कि जांच करानी चाहिए. मैंने सीएम को पत्र भी भेजा है.
सीपी सिंह का कहना है कि रांची नगर निगम की ओर से बकरी बाज़ार में दुकान बनवाने का प्रस्ताव नहीं आया है. मंत्रालय ने भी निगम को कुछ नहीं कहा है. निगम अपनी जमीन पर क्या डेवलप करेगा वह जानता है.
उन्होंने कहा कि रांची में स्टेट वेंडर मार्केट बन चुका है. स्मार्ट सीटी बन रहा है. बड़ा तालाब का सौदर्यीकरण हो रहा है. अगर इन कार्यों से राजधानी की दुर्गति हो रही है तो मुझे कुछ नहीं कहना.
मैं सीएम से क्यों कहूं, सब मंत्री की नाक के नीचे हो रहा है
महेश पोद्दार ने कहा है कि मेरा पत्र बड़ा सामान्य, संक्षिप्त और स्पष्ट है. मैं क्यों मुख्यमंत्री से बात करूं. रांची शहर को कुछ खुली जगह चाहिए. बच्चों को खेलने के लिए मैदान चाहिए. पीएम मोदी भी कहते हैं बच्चों को खेलने के लिए मैदान चाहिए. मैं भी यही कह रहा हू.
उन्होंने कहा सीवरेज ड्रेनेज निर्माण में 80-90 करोड़ का भुगतान हुआ है. मेरी मंत्री से बात भी हुई है. मैंने इस संबंध में कई पत्र उनको दिए हैं. कोई जवाब नहीं मिला.
महेश पोद्दार का कहना है कि नगर निगम बोलता है कि आप निर्णय लेते हैं, आप बोलते हैं कि निगम निर्णय लेता है. डिसाइड करें कि कौन निर्णय लेता है. आपका विभाग है. आपकी नाक के नीचे सब कुछ हो रहा है.
उन्होंने कहा कि अटल स्मृति वेंडर मार्केट निर्माण पर मैने निगम से पूछा तो कहा गया कि विभाग की ओर से प्रस्ताव आया था. राजधानी की दुर्गति पर बोलता रहूंगा. चुप रना मेरे लिए संभव नहीं. पर कोई जवाब भी तो दे.