कर्नाटक के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार ने कहा, ‘मैं आज एक आदेश पारित करूंगा। मुझे आदेश पारित करने में देरी इसलिए हो गई क्योंकि मैं उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा कर रहा था। अपने भाषणों में आज इस बात को सुनिश्चित करें कि विधानसभा की गरिमा बनी रहे। ये समय काटने वाली रणनीति है। यह विधानसभा, अध्यक्ष की छवि और विधायकों के रूप में आपकी भी छवि को भी नुकसान पहुंचाता है।कर्नाटक की राजनीतिक तस्वीर आज साफ होने की उम्मीद है। ऐसी उम्मीद है कि विधानसभा में आज विश्वास मत पर वोटिंग होगी। इस बीच सरकार के बागियों को मनाने के सभी प्रयास विफल हो गए हैं। तो वहीं दो बागी विधायकों को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा है। अदालत ने दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। इन विधायकों ने अदालत से आज विधानसभा में विश्वास मत कराने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की थी। जिसपर अदालत ने तुरंत कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों को समन भेजकर उनसे 23 जुलाई को सुबह 11 बजे दफ्तर में मिलने को कहा है। गठबंधन नेताओं द्वारा अयोग्य ठहराए जाने (बागी विधायकों की) वाली याचिका पर नोटिस भेजा गया है। स्पीकर केआर रमेश ने कहा है, ‘मुझे भरोसा है कि विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा आज पूरी हो जाएगी और सदन वोटिंग के लिए सहमत होगा। मैं अकेले इस पर फैसला नहीं कर सकता लेकिन मुझे विश्वास है कि सरकार वोटिंग आज कराने के अपने वादे को निभाएगी।’
बसपा विधायक एन महेश को पार्टी प्रमुख मायावती ने कुमारस्वामी के पक्ष में समर्थन करने के निर्देश दिए। इससे पहले एन महेश ने कहा था कि वे फ्लोर टेस्ट के दौरान तटस्थ रहेंगे। हालांकि, विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी बसपा विधायक सदन में गैर हाजिर थे।
शिवकुमार द्वारा घोषणा करने के कुछ मिनट बाद ही बागी विधायकों ने कहा कि वह मानने वाले नहीं हैं। बागी विधायक बैराठी बस्वाराज ने कहा, ‘हमारे आत्म सम्मान को चोट पहुंची है और यदि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तब भी अपना फैसला बदलने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।’ बस्वाराज पहले सिद्धारमैया के कट्टर अनुयायी थे।
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का कहना है कि सरकार बचाने के लिए जेडीएस त्याग करने को तैयार है। वह कांग्रेस की तरफ से किसी को मुख्यमंत्री बनाने को राजी है। इसके बारे में उन्होंने हाईकमान को बता दिया है। सदन में वोटिंग से ठीक पहले लिया गया यह फैसला सरकार बचाने में मदद कर पाएगा या नहीं इसका पता तो आज चल जाएगा लेकिन बागी विधायक अपने तेवर नरम नहीं करेंगे इसका उन्होंने साफ संकेत दे दिया है। शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘यदि सरकार बच जाती है तो इसके लिए जेडीएस मुख्यमंत्री पद का त्याग करने को तैयार है। जेडीएस ने कांग्रेस को नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं। वह सिद्धारमैया, जी परमेश्वर और मुझमें से किसी को मुख्यमंत्री बना सकते हैं।’