नई दिल्ली: भारत चीन के बीच पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर जारी विवाद के बीच हुई कमांडर मीटिंग में चीन भले ही बैकफुट पर नजर आया हो और भारत की शर्ते मानने के लिए राजी हो गया हो लेकिन चीन फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है.
हाल ही में अमेरिका से एक नई रिपोर्ट सामने आने के बाद दावे किए जा रहे हैं कि भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश कर रहा है जिसका खुलासा इस रिपोर्ट के जरिए हो गया है. रिपोर्ट बताती है कि चीन सिर्फ भारत की जमीन ही नहीं, उसके सैटेलाइट्स को भी निशाना बनाना चाहता है.
2012 में जेट प्रपल्शोन लैबारेटरी (JPL) पर चीनी नेटवर्क बेस्ड कम्प्यूेटर हमले को लेकर रिपोर्ट कहती है कि इससे हैकर्स को जेपीएल नेटवर्क्सी पर पूरा कंट्रोल हासिल हो गया था. रिपोर्ट ने हमलों के जिक्र में कई स्त्रोतों का जिक्र किया है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ये तो कहा कि साइबर हमलों का खतरा लगातार बना रहता है. लेकिन उसने दोहराया कि अभी तक उसके सिस्टम तक पहुंच नहीं बनाई जा सकी है.
जबकि ISRO के चेयरमैन के सिवान ने भारतीय ग्राउंड स्टेशन पर ऐसे किसी हमले की जानकारी से इनकार किया. उन्होंने कहा कि “भारत को खतरा नहीं है. हम सुरक्षित हैं.” उन्होंने कहा कि भारत का अपना स्वतंत्र और आइसोलेटेड नेटवर्क है जो पब्लिक डोमेन में नहीं है.
भारत ने अंतरिक्ष में किसी दुश्मन से निपटने के लिए जरूरी ऐंटी-सैटेलाइट मिसाइल तकनीक पिछले साल हासिल कर ली थी. अब दुश्मन देश के सैटेलाइट्स को नष्ट करने की क्षमता भारत के पास है. लेकिन CASI की रिपोर्ट बताती है कि चीन के पास बहुत सारी काउंटर-स्पेस तकनीकें हैं जो दुश्मन के स्पेस सिस्टम को जमीन से लेकर जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट (GEO) तक निशाना बना सकती हैं.