सूर्यकांत कमल
चतरा: चतरा जिले में भू-माफियाओं का कहर निरंतर जारी है. माफिया अब जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी कुंडली जमाने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित प्रतापपुर थाना क्षेत्र के चन्द्री गोविंदपुर गांव में प्रकाश में आया है. जहां माफियाओं ने सरकारी नाले पर कब्जा जमा लिया है. साथ ही सरकारी नाले के पानी निकासी द्वार के सामने दीवार खड़ी कर पानी की धारा को भी रोक दिया है. जिसके कारण गांव के खेतों से बरसात का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है, जिससे दस एकड़ भूमि पर लगी धान व मकई की फसल पानी में डूब गई है. ऐसे में विगत दो वर्षों से अकाल की मार झेल रहे किसानों के चेहरे पर इस बार भी चिंता की लकीर खींच गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के दबंगों ने नाले पर अवैध कब्जा जमाकर पानी की निकासी रोक दी है, जिसके कारण खेतों में पानी भर गया है और फसल डूब गई है. ग्रामीणों ने इस बाबत जिला प्रशासन से भू-माफियाओं के चंगुल से सरकारी नाले को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है. कहा है कि अगर खेतों से पानी की निकासी समय रहते नहीं होती है तो धान व मकई की फसल तो बर्बाद हो ही जाएगी, गेहूं व चना जैसे फसलों के उत्पाद पर भी ब्रेक लग जाएगा. जिससे किसानों के समक्ष न सिर्फ कर्ज चुकाने की समस्या उत्पन्न हो जाएगी बल्कि भूखमरी की भी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.
इधर आरोपी खुद को निर्दोष बताते हुए गांव के ही अन्य लोगों पर नाले पर अवैध अतिक्रमण कर उसे बदनाम करने का आरोप लगा रहा है. आरोपी का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों ने विवादित जमीन को हासिल करने के नियत से यह साजिश रची है. उसने जमीन खरीदकर उक्त भूमि पर निर्माण कार्य शुरू किया है. जिसका ग्रामीण एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं. हालांकि वह यह भी स्वीकार कर रहा है कि निर्माण स्थल पर पूर्व से ही सरकारी नाला निर्मित है.
ग्रामीणों के अनुसार झारखंड को बिहार से जोड़ने वाली प्रतापपुर-रानीगंज मुख्यमार्ग पर वर्षों से सरकारी नाला अवस्थित है. जिससे गांव के खेतों से बरसात का पानी बाहर निकलता रहा है. लेकिन गांव के ही कुछ दबंग प्रवृत्ति के भू-माफिया इसपर अपनी गिद्ध नजर बनाए हुए हैं और सजिश के तहत विवादित जमीन खरीदकर सरकारी नाले पर कब्जा जमाए बैठे हैं.