दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से लव जिहाद की हवा देने में कई भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य आगे हैं. हाल हीं में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को वैध नहीं ठहराया जा सकता है.
जिसका उदाहरण देते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की घोषणा कर दी. जिसके बाद हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे भाजपा शासित राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कही. अब मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हर किसी को अपनी पसंद के साथी चुनने की आजादी है. इसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ, चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो, रहने का अधिकार है. यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का मूल तत्व है.
कोर्ट ने कहा कि हम यह समझने में नाकाम हैं कि जब कानून दो व्यक्तियों को चाहे वह समान लिंग के ही क्यों ना हों, शांतिपूर्वक साथ रहने की अनुमति देता है तो कोई व्यक्ति, परिवार अथवा राज्य ही क्यों ना हो, उन्हें इस रिश्ते पर आपत्ति करने का अधिकार नहीं है.