रांची: ‘आईना वही रहता है, चेहरे बदल जाते हैं.’ फिल्म शालीमार का यह गाना है. यह गीत झारखंड विधानसभा चुनाव के एक सीट पर भी चरितार्थ हो रहा है. इसका नाम बरही विधानसभा है. इस सीट पर 12 दिसंबर को मतदान होना है. यहां पुराने चेहरे नई पार्टी से किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर हुए पहले के विधानसभा चुनाव बताते हैं कि मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच होता रहता है. इस बार भी यही होने की संभावना है. हालांकि दल बदलने वाले हर पार्टी में हैं. अब देखना होगा कि इस सीट से पुराने चेहरे में मतदाता किसे पसंद करते हैं. मतदाताओं के मन मिजाज का पता 23 दिसंबर को परिणाम आने के बाद पता चलेगा.
ये हैं प्रत्याशी
कांग्रेस के विधायक मनोज यादव भाजपा के प्रत्याशी हैं. भाजपा के पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला कांग्रेस से खड़े हैं. भारतीय जनता पार्टी की नेत्री साबी देवी आजसू पार्टी की प्रत्याशी है. आजसू पार्टी में रहे डॉ रामानुज सीपीआई से उम्मीदवार हैं. झाविमो ने अरविंद यादव को उम्मीदवार बनाया है. उमाशंकर अकेला यहां से गठबंधन के प्रत्याशी हैं.
ये रही है स्थिति
1952 में पहला विधानसभा चुनाव जीत कर कामख्या नारायण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. 1957 से 1969 तक चार विधानसभा चुनाव में जनक्रांति दल राजा पार्टी का दबदबा रहा. 1980 से 2014 के बीच आठ विधानसभा चुनाव में छह बार कांग्रेस, एक बार सीपीआई और एक बार भाजपा ने चुनाव जीता है. बिहार से अलग होने के बाद से इस सीट पर अब तक तीन चुनाव हुए हैं. 2005 में कांग्रेस के मनोज कुमार यादव जीते. 2009 में भारतीय जनता पार्टी के उमाशंकर अकेला विधायक बनें. 2014 में कांग्रेस की वापसी हो गई. मनोज यादव फिर विधायक बनें.