रांची: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने पूर्ववर्ती सरकार में जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के अंतर्गत शराब दुकानों की बंदोबस्ती के प्रक्रिया की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि दिनांक 4.8.2020 को पूर्वी सिंहभूम के सहायक उत्पाद आयुक्त ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को लिखित पत्र में बताया है कि खुदरा उत्पाद दुकानें आनलाइन विधि द्वारा लाॅटरी के माध्यम से बंदोबस्ती, आवंटित की गई हैं.
उक्त अधिसूचना के कंडिका-22(1) के आलोक में संबंधित सभी अनुज्ञाधारी द्वारा आपत्तिरहित स्थल संबंधी पूर्ण विवरण उपलब्ध कराये जाने के उपरांत संबंधित अंचल के क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा जांचोपरांत उत्पाद अधिनियम की धारा-47 के अंतर्गत स्थल आपत्तिरहित प्रतिवेदन किये जाने के पश्चात तत्कालीन उपायुक्त महोदय द्वारा अनुमोदित स्थल पर सभी खुदरा उत्पाद दुकानें कार्यरत है.’’
परंतु जमशेदपुर के अंचल अधिकारी ने जांचोपरांत 6.10.2020 को सहायक उत्पाद अधिकारी, पूर्वी सिंहभूम को बताया है कि जांच के क्रम में किसी भी अनुज्ञप्तिधारक द्वारा जमीन के संबंध में कोई भी सक्षम कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया. अतः स्पष्ट है कि भूमि पर दुकान चलाने का वैध अधिकार अनुज्ञप्तिधारक को नहीं है.
उल्लेखनीय है कि पूर्वी जमशेदपुर क्षेत्र में देशी एवं विदेशी शराब की करीब 44 दुकानें आवंटित की गई हैं (संबंधित कागजात संगलन हैं). प्रायः सभी दुकानें अवैध भूमि पर पाई गई हैं और अंचल अधिकारी ने टिप्पणी किया है कि अनुज्ञाधारी द्वारा भूमि से संबंधित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है.
राय ने कहा है कि उपायुक्त को जांचोपरांत इन सभी दुकानों की बंदोबस्ती रद्द करनी चाहिए और यदि सरकार के लिए शराब बेचना जरूरी है तो दुकानों की बंदोबस्ती झारखंड उत्पाद नियमावली 2018 में वर्णित नियमों एवं शर्तों के अनुसार करें.
पूर्व में की गई दुकानों की बंदोबस्ती अवैध है. इसका पता लगाना चाहिए कि दुकानों की अवैध बंदोबस्ती में किसका हाथ है और क्या ये दुकानें निहित स्वार्थ में बंदोबस्त की गई है ?