बोकारो/गोमिया: केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने 1 वर्ष पूर्व बोकारो जिला को खुले में शौच मुक्त जिला घोषित किया है. इस आशय का जिला के हर गांव में बोर्ड भी सरकारी स्तर से लगा दी गई है.
इस घोषणा के साथ ही स्वच्छ भारत मिशन ने बोकारो जिला के ग्रामीण वासियों पर जिला को खुले में शौच से मुक्त बनाए रखने का दायित्व भी सौंपा है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष इफ्तेखार महमूद ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं जिला जल एवं स्वच्छता समिति के उपर्युक्त घोषणा को गलत बतलाते हुए कहा कि जिला में अहर्ता रखने वाले बहुत बड़ी आबादी शौचालय के लाभ से अभी भी वंचित है.
इफ्तिखार महमूद ने कहा कि जिला के अधिकांश ग्रामीण आबादी को अभी तक शौचालय का लाभ नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 60 प्रतिशत से भी अधिक की आबादी खुले में शौच करने के लिए मजबूर है.
भाकपा नेता ने कहा कि गोमिया के बांध पंचायत के पलानी गांव के 70 घर में से मात्र 10 घर मे शौचालय है, 60 घर के लोग अभी भी खुले में शौच के लिए मजबूर हैं.
पश्चिमी साडम के केवट टोला के 120 घर में से मात्र 10 घर में शौचालय है. पूर्वी साडम के इस्लाम टोला के 250 घर में से मात्र 25 घर में, टीका हरा पंचायत के ग्राम केरी के 313 घर में से मात्र 198 घरों में, पचमो पंचायत के जेठीयाटांड के 20 घर में से मात्र 05 घर में, ललपनिया के खीरा बेड़ा गांव के 62 घर में से मात्र 25 घर में, तथा हूरलूंग के भवानी चौक से कमार टोला तक के 105 घर में से मात्र 53 घर में शौचालय है.
शेष घरवाले खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. ऐसी ही स्थिति हरदियाम, बिरसा, बड़कीटांड, सियारी के तेतरिया टोला की है. इफ्तेखार महमूद ने कहा कि उपर्युक्त स्थिति सिर्फ गोमिया प्रखंड कि नहीं, बल्कि पूरे बोकारो जिला की है.