रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनौती दे रहे उन्हीं के कैबिनेट मंत्री रहे सरयू राय ने बीएनएन भारत न्यूज के साथ दिल खोल कर अपनी बात रखी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा. उम्मीद थी कम से कम यह स्पष्ट किया जाए कि मुझे चुनाव लड़ना है या नहीं. चार लिस्ट जारी होने के बाद भी जब नाम नहीं आया तब यह नौबत आई. यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक प्रवृति के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी इसका समय नहीं है कि मैं मीमांसा करूं कि पार्टी ने क्या अच्छा किया, क्या बुरा किया. उचित नहीं होगा. क्योंकि, सरकार में हिस्सेदार तो मैं भी था. लगभग दो दर्जन मुद्दों पर मैं सरकार से सहमत नहीं था.
प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :-
सवालः सीएम के खिलाफ लड़ने की नौबत क्यों आई ?
जवाबः– भाजपा के खिलाफ नहीं. संघ से जुड़ा रहा हूं. पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा. उम्मीद थी कम से कम यह स्पष्ट किया जाए कि मुझे चुनाव लड़ना है या नहीं. चार लिस्ट जारी होने के बाद भी जब नाम नहीं आया तब यह नौबत आई. यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक प्रवृति के खिलाफ है.
सवालः लड़ाई व्यक्ति से है तो क्या अब भी भाजपा के साथ हैं ?
जवाबः- मैंने सरकार और विधानसभा से त्याग पत्र दिया है. पार्टी नहीं छोड़ी है. भाजपा के संविधान के मुताबिक अगर कोई आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ता है तो उसे 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित माना जाता है. लेकिन, पार्टी ने भी मुझे अभी तक निष्कासित भी नहीं किया है. पार्टी कह देती चुनाव नहीं लड़ना है तो नहीं लड़ता.
सवालः पिछले चुनाव में जो वादे हुए पूरे किए गए ?
जवाबः- अभी इसका समय नहीं है कि मैं मीमांसा करूं कि पार्टी ने क्या अच्छा किया, क्या बुरा किया. उचित नहीं होगा. क्योंकि, सरकार में हिस्सेदार तो मैं भी था. लगभग दो दर्जन मुद्दों पर मैं सरकार से सहमत नहीं था.
सवालः झारखंड में किन मुद्दों पर चुनाव हो रहे हैं ? या मुद्दों पर बात ही नहीं हो रही ?
जवाबः- सच कहूं तो मेरी नजर में झारखंड का कोई मुद्दा प्राथमिकता में नहीं है.
सवालः आप झारखंड में किसकी सरकार बनते देखना चाहेंगे ? क्या भाजपा ?
जवाबः अगली सरकार का गठन कैसे होगा यह कहना मुश्किल है. आजकल जो राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं मुझे लगता है उसे अमित शाह काफी प्रभावित कर रहे हैं. देखना होगा अमित शाह फैक्टर किस तरह से काम करता है.