रांचीः झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 वापस लेने की मांग को लेकर झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम के नाम मांग पत्र दिया. एस अली ने बताया कि सरकार विधानसभा सत्र में म्यूटेशन बिल पारित कर कानून बनाने जा रही है जो राज्य हित में नहीं और आदिवासी मूलवासियों के साथ धोखा है.
राज्य में पूर्व से भूमि सुरक्षा के लिए सीएनटी एक्ट 1908, एसपीटी एक्ट 1949, बिहार भूमि सुधार अधिनियम 1950 आदि रहते हुए भी राजस्व कर्मचारी, अंचल निरक्षक और अंचल अधिकारियों ने नियम कानून को ताक पर रखकर भू-माफिया से मोटी राशि लेकर गलत तरीके हजारों एकड़ वाकशत भूमि, पहनाई, मुडांई, खुटकटी, गैर मजरूवा खाश, गैर मजरवा आम, वन भूमि, सरकारी भूमि व अन्य भूमियों का फर्जी पट्टा हुकूमनामा पर अवैध बंदोबस्ती, स्थांतरण म्यूटेशन रसीद कर दिया, जिसकी खरीद बिक्री भी हो चूकि है, जिसमें कई बड़े अधिकारी में संलिपत रहे है, कई भूमि घोटाले की जांच चल रही है जिसमें अनकों अधिकारी फंसने वाले है जिससे बचने के लिए सरकार को दिग्भ्रमित बिहार राज्य का हवाला देकर ये झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल कैबिनेट से पास करवाने के बाद सदन से पास करवाकर कानून बनवाने में लगे, ताकि इनके द्वारा किये गये काले कारनामों पर किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई ना हो सके.
गठबंधन सरकार राज्यहित में झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को वापस ले, साथ सभी प्रकार के भूमि घोटालों की जांच एनआईए से करवाये एवं राज्य अलग होने से लेकर अबतक रहे अंचल अधिकारी अंचल निरक्षक, राजस्व कर्मचारियों द्वारा अपने और परिवार के नाम अर्जित किये चल अचल सम्पत्तियों की जांच उच्च स्तरीय कमिटी द्वारा करवाकर जब्त किया जाए.