रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने भाजपा सांसद सेठ की ओर से धर्मांतरण जैसे गड़े मुर्दे उखाड़ने की जगह लॉकडाउन में सैकड़ों-हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर पैदल घर वापस लौटने के क्रम में मारे गये प्रवासी मजदूरों की संख्या के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बिना सोचे-समझे देशव्यापी लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण के फैलाव पर अंकुश तो नहीं लग सका, लेकिन नोटबंदी और गलत जीएसटी की तरह लिये गये अदूरदर्शी फैसले से इस फैसले से पूरे देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गयी. लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मारे गये और कितनी नौकरियां गयी, इस बारे में संसद में भी केंद्र सरकार ने जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि अभी धर्मांतरण का कोई भी ताजा मुद्दा सामने नहीं है, लेकिन सांप्रदायिक राजनीति के पुराने ढर्रे पर चलते हुए भाजपा नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते है. उन्होंने कहा कि देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि एक ओर जहां देश के युवा अपनी नौकरी को लेकर चिंतित है, छात्र-छात्राएं अपनी शिक्षा और भविष्य को लेकर परेशान है, गरीब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त करने की कोशिश से भयभीत है, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योग में लगे करोड़ों लोग अपने व्यवसाय के डूब जाने से गम में डूबे है, परंतु भाजपा नेताओं को इन सबसे कोई मतलब नहीं है, उन्हें सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की चिंता है.
उन्होंने कहा कि पूरे कोरोना संक्रमण काल में भाजपा नेता अपने घर में छिपकर बैठे रहे और सिर्फ मीडिया के माध्यम से बयानबाजी कर सुर्खियों में बने रहने की रहने की कोशिश की, इस दौरान तो उनकी ओर से प्रवासी श्रमिकों, किसानों, मजदूरों और व्यवसायियों की चिंता नहीं की गयी, उन्हें तो बस अपने निजी स्वार्थ की चिंता रही.
अब एक ओर केंद्र सरकार संसद में सवाल पूछने के अधिकार से वंचित कर जनता के आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.