रांची: झारखंड पुलिस के लिए एक महिला नक्सली चुनौती बन गई है. उसकी पहचान यह है कि वह अनिल की बहन है और पिंटू राणा की पत्नी है. नक्सल दुनिया में यह दो बड़े नाम हैं.
करुणा राइफल चलाने में माहिर है. वह नक्सलियों को कमांड करती है. झारखंड पुलिस उसके बारे में सूचनाएं एकत्र कर रही है. करुणा झारखंड में सक्रिय तो कभी बंगाल तो कभी ओडिशा भी जाती है.
गिरिडीह के पीरटांड़ की रहने वाली करुणा को बंगाल में निर्मला तो उड़ीसा में सुशीला के नाम से जाना जाता है. झारखंड सरकार ने उस पर ₹2500000 का इनाम घोषित किया है.
झारखंड पुलिस के लिए एक और बड़ा नाम है- प्रयाग मांझी और विवेक. वे धनबाद के टुंडी का रहने वाला है. उस पर एक करोड़ का इनाम बरकरार रखने की अनुशंसा की गई है. डीजीपी एमवी राव और विशेष शाखा के एडीजीपी मुरारी लाल मीणा के हस्ताक्षर से सरकार को 14 फरार नक्सलियों की सूची में भेजी गई है. इसमें कहा गया है कि नए नामों के खिलाफ इनाम घोषित किए जाए और पहले से जो इनामी है उनका नाम बरकरार रखा जाए.
गिरिडीह के कुकरा का नंदलाल मांझी उर्फ विजय पर ₹2500000, हजारीबाग के विष्णुगढ़ का अनुज उर्फ सहदेव सोरेन, बिहार के जहानाबाद का प्रद्युमन शर्मा उर्फ कुंदन, गया के डुमरिया का गौतम, चतरा के लावालौंग का बृजेश गंजू पर ₹25000 का इनाम है
वहीं बोकारो के चंद्रपुरा का रणविजय महतो, धनबाद के तोपचांची का दुर्योधन महतो, गया के इमामगंज का इडा गंजू, बंगाल के मिदनापुर का मदन महतो पर 15 -15 लाख रुपए के इनाम को बरकरार रखने की अनुशंसा की गई है.
लातेहार के बालक गंजू, चतरा के लावालौंग के अमर गंजू के खिलाफ पांच लाख और लोहरदगा के अनिल पुरी पर 200000 का इनाम बरकरार रखने की अनुशंसा की गई है