रामगढ़: सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती के अवसर पर शहर के ऐतिहासिक सुभाष चौक पर राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों के साथ आम लोगों ने भी नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको याद किया. नेताजी जयंती कमेटी के द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में शहर के बुद्धिजीवियों के साथ स्थानीय नेताओं ने भी नेता जी को याद करते हुए अपने विचार रखें.
इस अवसर पर स्थानीय विधायक ममता देवी ने भी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए उपस्थित लोगों से उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया. उन्होंने बताया सन 1940 में रामगढ़ में कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन हुआ था. इस अधिवेशन में सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से लड़कर देश को आजाद कराने का निर्णय लिया था. जिसके बाद महात्मा गांधी सहित अन्य लोगों से विवाद के बाद कांग्रेस दो विचारधाराओं गरम दल और नरम दल में बटी थी. कार्यक्रम के बाद स्थानीय विधायक ममता देवी ने सुभाष चंद्र बोस के ऐतिहासिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
कार्यक्रम के दौरान जिले के कांग्रेसी नेताओं और विधायक में समन्वय की कमी दिखी. जिस युवा महिला नेत्री ने आजसू के किले को ध्वस्त करते हुए सदियों बाद रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को विजयी बनाया है. उनके कार्यक्रम से जिले के ज्यादातर कांग्रेसी नदारद रहे. कांग्रेस जिला अध्यक्ष महेश कुमार पासवान उर्फ मुन्ना सहित अन्य कांग्रेसी नेता सुभाष चौक पर नेता जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर ममता देवी के वहां पहुंचने से पहले ही निकल गए जबकि विधायक ममता देवी सुभाष चौक के समीप ही नेताजी जयंती कमिटी के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहीं थीं. स्थानीय लोगों में यह चर्चा का विषय बना रहा.