रांचीः मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने कहा है कि झारखंड के लोग मानसिक रूप से काफी समृद्ध हैं. यह उनकी जीवनशैली से लेकर संस्कृति तक में झलकती है. उनकी समृद्ध कलात्मक विरासत की दाद सभी देते हैं. बस जरूरत है उनकी कलात्मक विरासत को कलात्मक विकास का एक बड़ा कैनवास देने की.
चित्रकला प्रदर्शनी का मंच झारखंडवासियों की स्वाभाविक योग्यता को और निखारेगा. उन्होंने आयोजनकर्ताओं से राज्य में प्रतिवर्ष चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन करने पर बल दिया. मुख्य सचिव शनिवार को रांची के आड्रे हाउस में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के उद्घाटन और कॉफी टेबुल बुक ‘ट्राइबल एंड फोक पेंटिंग ऑफ इंडिया’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.
झारखंडवासियों में है नेचुरल टैलेंट
मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंडवासियों में नेचुरल टैलेंट है. संगीत और खेल के अलावा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी यह नेचुरल टैलेंट झलकता है. उन्हें बस अपने कला कौशल के विकास के लिए उचित प्लेटफार्म भर देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सरकार भी इस दिशा में सुविचारित नीति बनाने की प्रक्रिया में है. इससे राज्य के कलात्मक विकास का नया आयाम जुड़ेगा. सरकार खेलकूद एवं कला-संस्कृति के क्षेत्र में राज्य का नाम रोशन करनेवालों को आर्थिक सबलता प्रदान करने की भी नीति पर काम कर रही है. इस क्षेत्र में राज्य काफी आगे बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि राज्य के कलाकार जिन चित्रों को बना रहे है वे आगे चलकर अमूल्य एवं ख्यातिवान हो जाएंगे. उन्होंने विश्व विख्यात चित्रकार पाब्लो पिकासो का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय उनकी पेंटिंग भी नकार दी गयी थी लेकिन एक वह भी समय आया जब उनकी पेंटिंग ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति बटोरी.
आएं.. चित्रकला प्रदर्शनी का लुत्फ उठाएं
मुख्य सचिव ने राज्यवासियों से आड्रे हाउस आकर चित्रकला प्रदर्शनी का लुत्फ उठाने की अपील करते हुए कहा कि यह आपको सिनेमा से ज्यादा आनंद देगा.
उन्होंने चित्रकला प्रदर्शनी को राष्ट्रीय स्तर का बताते हुए कहा कि इन चित्रों में जीवन का हर रंग कूचियों से जीवंत हो उठा है. इन बोलते चित्रों में झारखंड सहित देश की बहुआयामी संस्कृति की बहुरंगी छटा निखर उठी है.
मौके पर ये थे मौजूद
चित्रकला प्रदर्शनी के अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी के अलावा कल्याण सचिव हिमानी पांडेय, डॉ. रामदयाल मुंडा, शोध संस्थान के निदेशक डॉ. रणेंद्र कुमार समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे.