चंडीगढ़: शुक्रवार को विधानसभा में 2020-21 का बजट पेश करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने सरकारी कर्मचारियों को जोर का झटका दिया. वहीं युवा वर्ग, विद्यार्थियों और किसानों को राहत देते हुए बेहतर कल का सपना भी दिखाया. इस बार कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.
वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य के कुल खर्च का अनुमान 154805 करोड़ रुपये का लगाया है. वर्ष 2019-20 में राज्य का राजस्व खर्च 86602 करोड़ रुपये रहा था, जो वर्ष 2020-21 में 95716 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. यह वृद्धि 10.52 फीसदी की है. इस अवधि के दौरान वेतन, भत्ते और ग्रांट-इन-एड (वेतन) पर होने वाला खर्च 25449 करोड़ रुपये से बढ़कर 27639 करोड़ रुपये हो जाने की भी संभावना है. दूसरी ओर पेंशन अदायगी के मामले में भी, मौजूदा 10213 करोड़ रुपये से बढ़कर 12267 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. यह दोनों बढ़ोतरी क्रमशः 8.61 फीसदी और 20.11 फीसदी है.
वित्त मंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान के तहत वित्तीय घाटा 2.92 फीसदी रहने का अंदाजा लगाया गया है जो कि पंजाब फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) एक्ट 2003 के अधीन निर्धारित 3 फीसदी की सीमा के भीतर है. वित्त मंत्री ने इस बार पूंजीगत खर्च यानी विकास कार्यों के लिए पैसे की मद में, 10280 करोड़ रुपये रखे हैं जोकि बीते वित्त वर्ष के दौरान केवल 4013 करोड़ रुपये ही थे और राज्य के विकास कार्य ठप्प हो गए थे.
प्राइमरी सरप्लस वाला राज्य बनेगा पंजाब: मनप्रीत
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने उम्मीद जताई है कि पंजाब इसी वित्त वर्ष के दौरान प्राइमरी सरप्लस वाला राज्य बन जाएगा. सदन में बजट भाषण शुरू करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वे कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार का चौथा बजट पेश कर रहे हैं और तीन साल बाद यह पहला बजट है जब राज्य की वित्तीय स्थिति में व्यापक सुधार नजर आ रहा है.
उन्होंने कहा कि तीन साल में पंजाब एक बार भी डबल ओवरड्राफ्ट की स्थिति में नहीं आया और इस तरह राज्य सरकार ने तीन सालों में उपायों, पेशगियों और ओवरड्राफ्ट की अवधि घटाकर कुल 52.45 करोड़ रुपये बचाए. वित्त मंत्री ने बताया कि 15वें वित्त कमीशन ने वित्त वर्ष 2020-21 की अपनी पहली रिपोर्ट में करों से आमदनी को 1.788 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार भी कर लिया है.
यानी, अब केंद्र से पंजाब को मिलने वाला टैक्स-शेयर ज्यादा मिलेगा. इससे पहले 14वें वित्त कमीशन ने यह हिस्सा 1.577 फीसदी तय किया था. वित्त मंत्री ने कहा कि अग्रिम अनुमान दर्शा रहे हैं कि वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य का जीएसडीपी, वर्ष 2018-19 के 521861 करोड़ के मुकाबले 574760 करोड़ पर पहुंच गया है और 2020-21 में यह 644326 करोड़ रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया कि 2019-20 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय भी 166830 रुपये हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत के 135050 रुपये से 23.53 फीसदी अधिक है.
रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 साल
वित्त मंत्री ने कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 से घटाकर 58 साल कर दी है. मनप्रीत बादल ने कहा कि यह फैसला लागू करने के साथ ही सरकारी नौकरियों में नई भर्तियां शुरू कर दी जाएगी जिससे युवाओं के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा.
59 साल वाले 1 अप्रैल को होंगे रिटायर
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने वर्ष 2020-21 के बजट में कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र कम किए जाने के बारे में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के जिन कर्मचारियों की उम्र 59 साल या उससे अधिक हो गई है, उन्हें आगामी एक अप्रैल को रिटायर कर दिया जाएगा जबकि 58 साल से अधिक या 59 साल से कम उम्र वाले कर्मचारियों को इसी साल एक अक्तूबर को रिटायर कर दिया जाएगा.
कुछ बड़े ओहदों पर 65 साल तक की उम्र के अधिकारियों की नियुक्ति के बारे में पूछे गए सवाल पर मनप्रीत बादल ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों में उन्हीं अधिकारियों की दोबारा सेवाएं लेती है, जिन्हें संबंधित कामकाज का गहरा अनुभव होता है और जिन अधिकारियों के लिए माना जाता है कि संबंधित कार्य को यही अधिकारी मुकम्मल कर सकते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र संबंधी नया आदेश ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति को प्रभावित नहीं करेगा.
Like this:
Like Loading...
Related