रांची: जेईई मेन्स की परीक्षा में आकांक्षा-40 के 19 विद्यार्थियों ने सफलता हासिल कर उस मिथ को तोड़ा है कि मेडिकल-इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट में सिर्फ बड़े निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के ही विद्यार्थी सफल हो सकते हैं. आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों की यह उपलब्धि राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता है. माध्यमिक शिक्षा निर्देशक जटाशंकर चौधरी ने आज आकांक्षा-40 के जेईई मेन्स में सफल विद्यार्थियों के साथ इंट्रैक्टिव सेशन में ये बातें कही. उन्होंने बरियातू स्थित राजकीय बीएड कॉलेज में आयोजित इंट्रैक्टिव सेशन में कहा कि जेईई मेन्स में आकांक्षा-40 के लगभग 80 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की है. यह अब तक का सबसे बेहतर रिजल्ट है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में य़हां के शत प्रतिशत विद्यार्थी सफलता हासिल करेंगे. चौधरी ने इस मौके पर जेईई मेन्स में सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए भविष्य में और बेहतर करने के लिए शुभकामनाएं दी.
गरीब और मेधावी बच्चों के सपनों को करना है साकार
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आकांक्षा -40 के विद्यार्थियों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि आप मेहनत के साथ पढ़ाई करें, सरकार आपको प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए सभी जरुरी संसाधन उपलब्ध कराएगी. सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण परिवेश में रहने वाले गरीब बच्चे भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सके, इसके लिए आकांक्षा-40 कार्यक्रम चल रहा है. यहां गरीब बच्चों को बेहतर कोचिंग देते हुए सफलता दिलाना है. उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से बिलांग करने वाले ज्यादातर विद्यार्थी डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना तो देखते हैं लेकिन गरीबी,सुविधानों का अभाव और संसाधनों की कमी इसमें आड़े आ जाती है. आकांक्षा-40 में एसे ही विद्यार्थियों को निःशुल्क तैयारी कराई जाती है, ताकि ये बच्चे मुकाम हासिल कर सकें.
विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि आकांक्षा-40 के लिए विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने पर संसाधनों और सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा. न्यू आकांक्षा शुरु की जाएगी. क्सालेज और फैकल्टी मेंबर्स भी बढ़ाए जाएंगे. फिलहाल यहां कंप्यूटर लैब खोलने के लिए पहल की जा रही है. इसके अलावा यहां के विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आकांक्षा-40 का मकसद गरीब और मेधावी बच्चों को बेहतर कोचिंग देते हुए सफलता दिलाना है. इसके अलावा आकांक्षा-40 के 26 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स की परीक्षा दी थी. इनमें से परीक्षा के वक्त दो विद्यार्थियों की तबीयत खराब हो गई थी. इस तरह 24 विद्यार्थियों में 19 ने जेईई मेन्स को क्रैक किया है. खास बात कि यहां की दो छात्राओं ने जेईई मेन्स दी थी, जिसमें एक को सफलता मिली है. इन विद्यार्थियों में अनुसूचित जनजाति के 1, अनुसूचित जाति के 2, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 11, सामान्य श्रेणी (आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग) के 2 और सामान्य श्रेणी के 3 विद्यार्थी शामिल हैं. इन विद्यार्थियों में गिरिडीह, लोहरदगा और देवघर के 3-3 विद्यार्थी, रांची, बोकारो और जामताड़ा के 2-2 विद्यार्थी और साहिबगंज, दुमका, पूर्वी सिंहभूम और धनबाद जिले के 1-1 विद्यार्थी शामिल हैं.
सफलता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के नाम
आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों के बेहतर रिजल्ट का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि 5 विद्यार्थियों का परसेंटाइल 90 से ज्यादा है. सबसे ज्यादा 98 परसेंटाइल अंशु कुमार का है. इसके अलावा प्रियांशु राज, सत्यम राज, विक्रम कुमार महतो, राजकुमार राय, हैनी खन्ना, राजीव कुमार, अमनदीप मेहता, बनमाली साहा, शशि कुमार साहू, सुदर्शन कुमार, निमाई पात्रो, स्नेहाशीष कुमार महतो, वैद्यनाथ ओझा, जयराम यादव, विक्रम भंडारी, निपुण कुमार, अनमोल कुजूर, प्रियंका कुमारी रजक को जेईई मेन्स की परीक्षा में सफलता मिली है.
क्या है आकांक्षा-40 कार्यक्रम
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राज्यस्तरीय आकांक्षा-40 की शुरूआत की गई है. यहां गरीब बच्चों को निःशुल्क इंजीनियरिंग और मेडिकिल एंट्रेंस टेस्ट की कोचिंग कराई जाती.