- 1947 में जब देश आजाद हुआ भारत के टुकड़े हो गए.
- भारत मां की भुजाएं काट दी गई.
रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनबाद में कहा कि कांग्रेस के कारनामे का एक और उदाहरण देता हूं. 1947 में जब देश आजाद हुआ. भारत के टुकड़े हो गए. भारत मां की भुजाएं काट दी गई.
1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ दोनों बार सबसे अधिक प्रभावित वहां के लोग हुए. जो पाकिस्तान में, बांग्लादेश में, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक थे जिनका ध्यान रखने का समझौता हुआ था. वह पूरा नहीं हुआ.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक कौन हैं, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक कौन हैं, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक कौन हैं. अल्पसंख्यकों में अधिकतर हिंदू थे, सिख थे, जैन थे, ईसाई संप्रदाय के लोग थे, पारसी लोग थे. ये लोग कहीं और से जाकर वहां नहीं बसे थे. इन लोगों ने अलग देश की मांग भी नहीं की थी. उन पर तो यह फैसला 1947 में थोपा गया.
हिंदुओं में भी अधिकतर दलित परिवार के लोग थे
हिंदुओं में भी अधिकतर दलित परिवार के लोग थे. ये विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए थे. वहां साफ-सफाई का काम करते थे.
इनको पाकिस्तान के जमींदारों ने सेवा कामकाज के लिए रखा था. वहां दलित, वंचित शोषित रह गए थे. उनके साथ और अमानवीय व्यवहार हुआ. उनके मंदिरों पर कब्जा किए गए. गुरुद्वारा, हर तीर्थ क्षेत्र संकट में आ गया. उन्होंने उनपर भी कब्जा कर लिया गया.
बहू बेटियों के साथ दिनदहाड़े अत्याचार हुए. यही स्थिति वहां रहने वाले सिख परिवारों का भी हुआ. ऐसे लाखों साथी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आये. दशकों से वे भारत के अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं, उनको राजनीति के लिए उपयोग किया गया.
लेकिन उनको नागरिकता मिले. यह चुनाव के पहले कांग्रेस के नेताओं ने बयान दिया है कि हमारी सरकार बनेगी तो बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आए हुए विस्थापित हैं उनको हम नागरिक अधिकार देंगे. हिंदू को देंगे, सिख को देंगे सभी को देंगे. लेकिन कल आपने देखा वे सदन में फिर पलट गए.
जिस गरीबी, गंदगी और उपेक्षा की स्थिति में हमारे भाई बहन पाकिस्तान में थे. कांग्रेस सरकारों ने यहां भी उनके साथ वही बर्ताव किया. 10 साल पहले जब अफगानिस्तान में तालिबान के हमले पर है तो दर्जनों ईसाई परिवार भी इसी तरह अपनी जान बचाकर भारत आये.
भारत इसलिए आए थे उनके पूर्वज यहां सर जुड़े हुए थे. लेकिन इन लोगों का भारत में आने के बाद कांग्रेस की सरकार ने साथ नहीं दिया. आज जब ऐसे लाखों गरीब वंचित शोषित दलित परिवार परिवार ईसाई परिवार को भाजपा ने अपने वादे के अनुसार नागरिकता कानून लाई तो कॉन्ग्रेस उसके साथी उसका भी विरोध कर रहे हैं.
आपने अब कांग्रेस को भलीभांति पहचान लिया है. कांग्रेस को एक वोट बैंक का सहारा दिख रहा है.
झूठ बोल रही है कांग्रेस
कांग्रेस के लोग देश के करोड़ो मुस्लिम साथियों से भी झूठ बोल रहे हैं. नागरिकता कानून में जो संशोधन हुआ है. इसका भारत के नागरिक, हमारे मुसलमान भाई हैं जो पहले से भारत का नागरिक है उससे कोई लेना-देना ही नहीं है.
लेकिन वे झूठ बोले जा रहे हैं. इस तरह की राजनीति के लिए ही कांग्रेस के साथी नॉर्थ ईस्ट में भी आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं. वहां भ्रम फैलाया जा रहा है. बांग्लादेश बड़ी संख्या में लोग आ जाएंगे. जबकि कानून कहता है कि 31 सितंबर 2014 तक आए शरणार्थियों को भी नागरिकता का लाभ मिलेगा.
नार्थ ईस्ट के करीब करीब सभी राज्य इस कानून के दायरे से बाहर हैं. कांग्रेस व उसके सहयोगी दल की राजनीति घुसपैठियों के समर्थन से चलती है. भोले बाबा की धरती से पूर्वी भारत के राज्य हर जनजातीय समाज को आश्वस्त करना चाहता हूं उनकी परंपराओं वहां की संस्कृति, वहां की भाषा को मान सम्मान देना उसे संरक्षण देना उसे और समृद्ध करना यह भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है.
मोदी सरकार की प्राथमिकता है. क्षेत्रीय दलों, स्थानीय संगठनों, कमेटियों के साथ मिलकर वहां के विकास के लिए काम कर रहें हैं और हमेशा करते रहेंगे. नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी काम हो, रेलवे हो, एयरपोर्ट हो, अस्पतालों का निर्माण हो, शिक्षण संस्थान हो, मोबाइल टावर लगाने काम हो यानी हर काम भाजपा पूरी निष्ठा के साथ कर रही है.
देश के जितने प्रधानमंत्री मिल करके जितनी बार नार्थ ईस्ट नहीं गए होंगे उससे ज्यादा बार मैं गया हूं. पूर्वी भारत को जिसे कांग्रेस ने अपने हाल पर छोड़ दिया था. वहाँ विकास से काम हो रहें हैं. नॉर्थ ईस्ट के युवा अपने सेवक पर, अपने इस मोदी पर विश्वास रखें.
आपकी परंपरा, भाषा, रहन-सहन, संस्कृति पर आंच आने नहीं दूंगा. आपके हक पर कोई आंच नहीं आने दूंगा. आपके भविष्य को और निखारने के लिए अपने आप को खपा दूंगा. आपके भविष्य पर कभी सवालिया निशान खड़ा नहीं होगा.
वहां के नौजवानों के उज्जवल भविष्य के लिए भारत सरकार पूरी ताकत से कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ काम करेगी. मैं आग्रह करूंगा कांग्रेस और उसके साथियों के किसी तरह के झूठ के जाल में न फंसे.
खास कर असम के मेरे नौजवान साथियों को, भाइयों को, बहनों को भरोसा दिलाना चाहता हूं उनको किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. कोई भी उनके अधिकारों को नहीं छीन सकता है.