नई दिल्ली: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे की कमाई का बड़ा हिस्सा सामाजिक दायित्व और सैलरी संबंधी खर्च में चला जाता है, जिसके चलते उसका संचालन अऩुपात कम हुआ है.
प्रश्नकाल के दौरान रेलवे के संचालन मुनाफे में कमी के संबंध में प्रश्न का उत्तर देते हुए रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हाल ही में सातवें वेतन आयोग के तहत लागू की गई सिफारिशों से ही रेलवे को 22 हजार करोड़ रुपया वेतन और पेंशन के रूप में खर्च करना पड़ रहा है. इसके अलावा रेलवे को नई लाइन बिछाने और आर्थिक रूप से गैर लाभप्रद क्षेत्रों में ट्रेन संचालन पर भी अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि रेलवे को सामाजिक दायित्वों के तहत स्वच्छता, शहरों के अंतर्गत ट्रेन संचालन, गेज बदलने और अन्य कारणों से काफी धन खर्च करना पड़ रहा है.
रेलमंत्री ने कहा कि इन्हीं सामाजिक दायित्व और अतिरिक्त खर्च के चलते ही केवल एक साल में रेलवे का संचालन मुनाफे में 15 प्रतिशत की कमी आई है.
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें सामाजिक दायित्व से जुड़े और लाभप्रद क्षेत्रों में ट्रेन संचालन को चलाने से जुड़े बजट को अलग-अलग करना होगा.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में सामने आया है कि रेलवे 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये खर्च रहा है. इसे संचालन अनुपात कहा जाता है. इसी पर कैग ने कहा कि रेलवे का संचालन अनुपात 98.44 प्रतिशत है.