नई दिल्ली: भले ही कांग्रेस चीन के साथ चल रहे विवाद पर केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की बात कर रही हो लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लद्दाख के मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं. 15 जून को भारत और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं.
राहुल गांधी हर दिन चीन को लेकर मोदी सरकार की नीति पर कुछ न कुछ सवाल उठाते ही रहते हैं. राहुल गांधी लगातार मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बताएं कि आखिर लद्दाख के गलवान घाटी में क्या हुआ था. क्या चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है?
इसी कड़ी में राहुल गांधी ने आज एकबार फिर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने लद्दाख में चीन के पीछे हटने और चीनी पक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से बातचीत को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए चीनी भूमिका पर सवाल उठाए है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि बातचीत में दोनों देशों के बीच भारत की ओर से यथास्थिति को कायम रखने पर जोर क्यों नहीं दिया गया? राहुल ने अपने ट्वीट में NSA अजीत डोवाल और चीनी स्टेट काउंसिलर वांग यी की बातचीत को लेकर दोनों पक्षों की ओर से जारी किए गए बयान को शेयर किया है.
चीन के सेना पीछे हटाने पर सेना वापिस किये जाने के दावे पर राहुल गांधी ने तीन सवाल पूछे हैं. उन्होंने लिखा ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि है. भारत सरकार का कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे. फिर
- यथास्थिति की बहाली पर ज़ोर क्यों नहीं ?
- हमारे 20 निहत्थे जवानों की हमारे ही इलाके में हत्या को चीन सही क्यों ठहरा रहा है ?
- गलवान घाटी की संप्रभुता की कोई चर्चा क्यों नहीं ?
आपको बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में 8 हफ्तों से गतिरोध जारी है. 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद स्थिति और बिगड़ गई. हालांकि चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के ‘तेजी से’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए.