मुंगेर: पुस्तकालय दिवस पर ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन जिला इकाई भागलपुर/मुंगेर के एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष शिप्रा भारती ने कहा कि 12 अगस्त को पूरे भारत में रंगनाथन साहब जिन्हें भारतीय पुस्तकालय का पितामह भी कहा जाता है, कि जयंती को राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस के रुप में मनाया जाता है.
जिसे आगमी 12 अगस्त को पूरे बिहार के 38 जिला कमेटी के द्वारा एक साथ ट्विटर पर ट्वीट कर मनाने का निर्णय ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन द्वारा लिया गया है.
जिसमें पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के छात्र छात्राओं के साथ इस क्षेत्र से जुड़े सभी पुस्तकालय अध्यक्ष एवं पदाधिकारी भी भाग लेंगे और उन्होंने कहा कि शिक्षा हमेशा से ही मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता रही है.
कभी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास शिक्षा के अभाव में नहीं हो सकता है या यूं कहें कि इसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती है. शिक्षा व्यक्ति के हर क्षेत्र को प्रभावित करती है और इसमें पुस्तकालय का योगदान सदा से ही अतुलनीय रहा है.
पुस्तकालय ना सिर्फ लोगों को शिक्षित करने में योगदान देती है वरन यह हमारी सभ्यता, संस्कृति, व परंपरा विरासत को भी संजोने का काम करती है. भारत में पुस्तकालय की संकल्पना यकीनन परंपरा स्वरूप चली आ है परंतु वर्तमान में यह अपनी वास्तविक छवि को खोती जा रही है आज जरूरत है इसे बचाने की.
बिहार जैसे राज्य जहां 2008 में पुस्तकालय अधिनियम पारित किया जा चुका है परंतु सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है लगभग 12 वर्षों से इस क्षेत्र में नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया उपेक्षित होने के कारण पुस्तकालय विज्ञान के छात्रों में निराशा का भाव पनप रहा है जो भावी भविष्य के लिए बहुत अच्छा संदेश नहीं है.
सरकार इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही है सिर्फ आश्वासन ही मिलता आया है कि इस दिशा में कोई निर्णय लिया जाएगा परंतु कब तक यह यह निश्चित नहीं है, आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा सरकार विद्यार्थियों के भविष्य से कब तक खिलवाड़ करेगी यह एक बड़ा प्रश्न है.