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थैंक्स कोरोना, तूने हम दोस्तों की पुरानी यारी याद दिला दी…..
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30 साल पुराने दोस्त फिर से मिले, पुराने दिनों की कसक आज भी याद है
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व्हाट्सअप ग्रुप बनाया, अब बारी-बारी से घंटों बात करते हैं
रांची: कोरोना वायरस से आज पूरा देश परेशान है. कोई अपनों से मिलने को तरस रहे हैं तो कोई दूर देश से अपने वतन लौटने को बेताब हैं. कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में लोग पूरी तरह से घर में कैद हैं.
इस लॉकडाउन को कैसे जीया जाये इसको लेकर लोग अपने घरों में रहकर अपनी दिनचर्या को बदल दिया है. कई लोग घरों में रहकर तरह की गतिविधियां कर रहे हैं और सोशल साइट के जरिये लोगों को बता रहे हैं.
इतना ही नहीं, इस कोरोना को लोग लगातार कोश भी रहे हैं पर कुछ दोस्तों के लिए यह कोरोना वरदान साबित हो गया है. यूं कहें कि कोरोना उनके अंदर एक नयी ताजगी भर दी. ये दोस्त कोरोना को इसलिए धन्यवाद दे रहे हैं कि उसने 30 साल पुराने दोस्तों को एक बार फिर से एक कर दिया.
नतीजा यह हुआ कि सारे दोस्तों एक साथ मिलकर एक ग्रुप बना लिया और विडियो कॉल के जरिये घंटों बातें करते हैं. बात करने का समय भी निर्धारित है. काम करने के बाद रात के 10 बजे से 11.30 बजे का समय निर्धारित रखा है.
सारे दोस्त जम कर बातें करते हैं. कुछ दोस्तों के नाम इस प्रकार हैं: राजेश तिवारी, पुरूषोत्तम, सुशील, राहुल, प्रकाश, राजेश प्रसाद, राहुल, शिवरतन, संतोष अनल, संतोष गुप्ता, विनय, नित्यानंद, नरेंद्र, पुर्णेंदु, राजीव पांडेय, अंजय, राजेश व रंजीत.
सबसे पहले अपनी तस्वीर भेजो:
व्हाट्सअप ग्रुप बनते ही ग्रुप के एडमिन ने सबसे पहले सभी दोस्तों से आग्रह किया है कि अपना हाल का फोटो भेंजे ताकि, पहले का चेहरा और आज के चेहरे में कितना फर्क है उसे देखना है.
वो टैगोर हिल की सैर आज भी याद है:
बात उन दिनों की है जब नौंवी कक्षा में थे. हर शुक्रवार को क्लास बंक कर टैगोर हिल की सैर, आज भी उन दोस्तोंं को याद है. उन लम्हों को याद कर आज भी खुश होते हैं.
कुछ दोस्तों ने क्या कहा:
इस लॉकडाउन की वजह से आज पुराने दोस्त फिर से मिल गये. अच्छा लग रहा है. सभी लोगों से बात करके. बात करते-करते ऐसा लगता है आज भी हम वहीं बच्चे ही हैं.
नीरज कामत-
बात करते-करते समय का पता ही नहीं चलता है. 30 साल पुराने दिनों को याद कर बातें करना अच्छा लगता है. ऐसा लगता है कि आज भी हम स्टूडेंट ही हैं.
पुरूषोत्तम श्रीवास्तव-
लॉकडाउन में एक बात तो अच्छी हो गयी कि हम सभी पुराने दोस्त फिर से एक हो गये. दोस्तों का ग्रुप भी बन गया है. जो मस्ती करने का एक जरिया बन गया है.
राहुल गोस्वामी-
पुराने दोस्तों का मिलना एक संयोग ही है. कोरोना की वजह से न लॉकडाउन होता न हम लोग मिल पाते. थैंक्स कोरोना, तुम्हांरी वजह से आज हम लोग एक साथ हैं.