रांची: ग्रामीण विकास विभाग राज्य में मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं का सोशल ऑडिट कराएगा. यह काम एक जून से शुरू होगा. इस क्रम में योजनाओं के साथ-साथ कार्य स्थल पर मजदूरों की उपस्थिति और भुगतान का सत्यानपन किया जाएगा. प्रवासी मजदूरों को जॉब कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने की पहल भी की जाएगी.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन और उसमें वर्णित अधिकारों के अनुपालन की स्थिति के सत्यापन के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने समवर्ती सामाजिक अंकेक्षण करवाने का निर्णय लिया है.
इसके तहत 1 जून से क्रमवार प्रत्येक पचायत में पांच दिन तक सोशल ऑडिट यूनिट के स्रोत व्यक्ति, ग्राम निगरानी समिति के सदस्य, मजदूर मंच के प्रतिनिधि और सखी मंडल के प्रतिनिधि चल रही योजनाओं का स्थल भ्रमण करेंगे.
इस दौरान निगरानी समिति के सदस्य कार्य स्थल पर मजदूरों की उपस्थिति, सुविधा और उसकी गुणवत्ता और उपयोगिता का सत्यापन करेंगे. जॉब कार्ड की उपलब्धता (विशेष कर प्रवासी मजदूरों को) सुनिश्चित करवाएंगे और काम की मांग करने हेतु प्रेरित करेंगे. मजदूरों द्वारा किये गये काम का समय पर भुगतान का भी सत्यापन किया जायेगा.
विभाग ने आम लोगों, मजदूर मंच, नागर समाज संगठन, पंचायत प्रतिनिधियों एवं मनरेगा कर्मियों से अनुरोध है कि इस कार्य में समवर्ती सामजिक अंकेक्षण टीम को आवश्यक सहयोग प्रदान करें, ताकि पारदर्शी प्रभावी और निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन हो और मजदूरों को उनका हक प्राप्त हो सके.