हजारीबाग: हजारीबाग भ्रष्टाचार और अतिक्रमण का गढ़ बनता जा रहा है. भ्रष्टाचार इस कदर है कि RTI से सूचना मांगे जाने पर भ्रामक और गलत जबाब दिया जा रहा है. स्थिति यह है कि झारखंड सरकार के द्वारा पास नियम को भी अधिकारी अपने हित में बदल दे रहें हैं.
मामला हजारीबाग के मौजा सारले के केशर ए हिन्द प्लॉट (संख्याह-52) से संबंधित है. इस जमीन को लेकर कुछ वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत (2017-25890) की गई थी. इसके बाद तत्कालीन पदाधिकारी द्वारा उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था, लेकिन इसी प्लॉट पर वर्तमान पदाधिकारी के संरक्षण में आलीशान भवन बनाया जा रहा है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि नई पदाधिकारी ने कुछ इस तरह के नियम बनाये हैं, जिसके तहत जमीन पर स्थाई अतिक्रमण गया है.
हजारीबाग के CO ने नियम ही बदल डाला
एक RTI कार्यकर्ता ने हजारीबाग सीओ (CO) से झारखंड राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम, 2011 से संबंधित सूचना मंगा था कि झारखंड लोक सेवा देने की गारंटी अधिकारी अधिनियम 2011 के अनुसार मात्र 18 दिनों में म्युटेशन स्वीकार करने का नियम है. इसके बाद भी 90 दिनों तक म्युटेशन की कार्रवाई की जा रही है. इससे संबंधित नियम की प्रति उन्होंने मांगी थी.
जबाब मिला
झारखंड लोक सेवा देने की गारंटी अधिकार अधिनियम 2011 के तहत बिना आपत्ति के 30 दिनों तक म्युटेशन और आपत्ति के तहत 90 दिनों तक म्युटेशन करने का प्रावधान है.
क्या कहता है नियम
‘BNN BHARAT’ ने जब पड़ताल की तो पाया कि CO द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना बिल्कुल गलत थी. उक्त अधिनियम की मार्गदर्शिका में साफ-साफ लिखा है कि झारखंड लोक सेवा देने की गारंटी अधिकार अधिनियम में म्युटेशन के लिए बिना आपत्ति के 18 दिन और आपत्ति के बाद 45 दिनों के समय का निर्धारित है.