नई दिल्ली: मोदी सरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक्शन लेने की तैयारी में नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद को सूचित किया कि वह सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित नियमों में संशोधन की प्रक्रिया में है, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अधिक संवेदनशील और भारतीय कानूनों के प्रति जवाबदेह बनाया जा सके. सरकार ने कहा कि नए नियम डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी आचार संहिता का पालन करना सुनिश्चित करेंगे.
केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को बताया कि सरकार फर्जी खबरें फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए गलत इस्तेमाल करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं कतराएगी. हम सोशल मीडिया का बहुत सम्मान करते हैं, इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है. हालांकि, अगर फर्जी समाचार और हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, भारत सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों के साथ बैठक में किसान आंदोलन को फर्जी और भ्रामक सूचना फैलाने वाले अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिया. खालिस्तान और पाकिस्तान से संबंधित 1178 अकाउंट बंद करने का आदेश देने के बाद केंद्र और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भारत के कानून के हिसाब से चलना होगा. सोशल मीडिया से अफवाह फैलाने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती है.
सदन में प्रश्न-उत्तर के दौरान उन्होंने कहा, ‘ट्विटर, फेसबुक, लिंकडिन या वॉट्सऐप कोई भी हो. गलत करने पर इन सभी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा, ‘भारत में काम करें. आपके यहां करोड़ों फॉलोअर्स हैं. पैसा कमाएं, लेकिन आपको भारतीय कानून और संविधान का पालन करना होगा. प्रसाद ने कहा, मीडिया की स्वतंत्रता के लिए हमारी प्रतिबद्धता है लेकिन इसमें भारत की सुरक्षा और संप्रभुता शामिल है. उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर काफी कठोर रहेंगे कि सोशल मीडिया कैसे काम कर रहा है. दोहरे मानक यहां नहीं चलेंगे. झूठी खबरें न फैलाएं. हिंसा न फैलाएं.