नई दिल्ली: कोरोना काल में सबसे बड़ी राहत की खबर है. 12 जुलाई को दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन लांच हो सकती है. इस वैक्सीन के सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं. रुस ने दावा किया है कि 12 अगस्त को वह कोरोना की वैक्सीन को लांच कर देगा. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक लॉन्च को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस वैक्सीन को गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर आफ ऐपीडेमीलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने तैयार किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन को पहले रजिस्टर्ड किया जाएगा. इसके बाद एक सप्ताह के अंदर बाजार में उतारा जाएगा.
रूस की इस वैक्सीन को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन माना जा रहा है. इसे रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी एक संस्था गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध होगी. रूस के उप-स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि रूस 12 अगस्त को कोरोना वायरस के खिलाफ अपना पहला टीका रजिस्टर करवाएगा. ये वैक्सीन गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है. रूस ने कहा कि अगले महीने से कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा क्योंकि वैक्सीन ने अपना अंतिम चरण ह्यूमन ट्रायल भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि रूस में बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन जल्द बाजार में भी आ सकती है.
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि उम्मीद की जा सकती है कि सितंबर के अंत तक ये वैक्सीन प्रोडक्शन स्तर पूरा कर लेगी. हालांकि कुछ समय पहले आई रिपोर्ट में इस बात का दावा किया जा रहा था कि रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट की तैयार की जा रही वैक्सीन 10 अगस्त तक मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन की ताकत का अंदाजा तभी लगाया जा सकेगा जब बड़े पैमाने पर लोगों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) विकसित हो जाएगी.
ओलेग ग्रिदनेब ने बताया कि हमारी तरफ से वैक्सीन को लेकर सारी तैयारी हो चुकी है और 12 अगस्त को दुनिया की पहली वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा. रूस के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान जिन लोगों को यह वैक्सीन दी गई उनके अंदर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) पाई गई. इससे साबित होता है कि वैक्सीन अपना काम बेहतर तरीके से कर रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस वक्त दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के चरण में हैं. भारत, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका और चीन देश वैक्सीन बनाने के लगभग करीब पहुंच चुके हैं. लेकिन रूस के दावे के मुताबिक, वैक्सीन के लिए उसका इंतजार अब कुछ ही दिनों का है. बस दो दिन बाद यानी 12 अगस्त को वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा.