नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है. कोरोना वायरस को मात देने के लिए राजधानी में तेजी से जांच की जा रही है. एक सप्ताह में ही करीब 1 लाख 29 हजार लोगों के टेस्ट किए गए हैं.
जांच के मामले में अभी तक की यह सबसे लंबी छलांग माना जा रहा है. खास पहलू यह है कि बड़ी संख्या में जांच होने के बाद भी संक्रमण के मामले ज्यादा नहीं बढ़ रहे हैं. नतीजतन, संक्रमण दर 6 फीसदी से नीचे पहुंच गई है.
राजधानी में मई से 17 जून तक रोजाना औसतन पांच हजार लोगों की जांच होती थी. यानी, पहले एक लाख से ज्यादा जांच होने में एक से डेढ़ महीने का समय लगता था, लेकिन अब एक सप्ताह में ही यह आंकड़ा पार हो गया है. 18 जून के बाद से यहां जांच का दायरा बढ़ने लगा था.
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अभी तक 11,92,082 लोगों की जांच हो चुकी है. इनमें 6 लाख से ज्यादा टेस्ट पिछले डेढ़ महीने में ही हुए हैं. अब इतने अधिक सैंपल लेने पर भी संक्रमण के मामले नहीं बढ़ रहे हैं.
जून में पांच हजार टेस्ट पर ही 1300 मामले आते थे. अब 23 हजार सैंपल लेने पर इतने मामले आ रहे हैं. यानी, जांच बढ़ती गई और संक्रमण दर घटती रही. 7 से 14 जून के बीच 39,500 लोगों की जांच की गई और संक्रमण दर 30 फीसदी थी.
यानी, हर 100 सैंपल में से 30 लोग संक्रमित मिलते थे. इसके बाद धीरे-धीरे यह संख्या कम होती रही. बीते एक सप्ताह में 1 लाख 30 हजार जांच पर 8 हजार केस आए और संक्रमण दर 6 फीसदी से कम रही.
डॉक्टर बताते हैं कि जितनी अधिक जांच होगी, उतनी ही तेजी से संक्रमण को काबू करने में आसानी होगी. जांच बढ़ाने का सबसे ज्यादा लाभ यह है कि समय पर संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर दिया जाता है. दिल्ली में संक्रमण दर कम होने का एक कारण यह भी है कि अब करीब 30 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी बन चुकी है. यानी, वे संक्रमित हुए और अपने आप ठीक भी हो गए.