रवि सिंह,
UP: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार किसानो, नौजवानों, बेरोजगारों, की समस्याओं को लेकर तथा खराब कानून व्यवस्था, निजीकरण, महिलाओं पर अत्याचार एवं सरकारी कारगुजारीयों से बाधित विकास के विरोध में पुलिस से नोकझोंक के बाद सपा कार्यालय के बाहर जॉइंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया. जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा है कि एक ओर कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है और दूसरी तरफ भाजपा सरकार की मनमानी कार्यशैली और दमनकारी नीतियों से जनता त्रस्त है. स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है. बेहाल किसान, बेरोजगारी और अपराध बेलगाम है, इसके विरोध में जिला प्रशासन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदया को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया.
जिलाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भाजपा सरकार स्वास्थ्य सम्बंधी सुविधाएं मुहैया कराने में लापरवाह है. उचित चिकित्सा के अभाव में जाने जा रही हैं. कोविड-19 अस्पतालों में अव्यवस्थाओं के चलते जहां संक्रमित दिक्कत में हैं वहीं स्वास्थ्यकर्मी भी साधन-सुविधाओं के अभाव से परेशान हैं. समाजवादी सरकार की 108, 102 सेवाएं निष्क्रिय कर दी गई है. हर ग्राम पंचायत में कोरोना किट की खरीद में महाघोटाला हुआ है.भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेखौफ हैं. पुलिस प्रशासन उनके सामने असहाय नज़र आता है. रोज हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही है. महिलाएं एवं बच्चियां सुरक्षित नहीं. रोजगार की मांग करने पर नौजवानों पर पुलिस लाठियां चलाकर अच्छा नहीं कर रही है.
अवसाद में शिक्षामित्र आत्महत्या कर रहे हैं आरक्षण से भी खिलवाड़ हो रहा है. मुख्यमंत्री जी रोजगार के झूठे आंकड़े पेश कर युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं पर अब नौजवान सच्चाई से वाकिफ है वह उनके झांसे में नहीं आएगा. युवा आक्रोशित है भाजपा सरकार तो किसानों के हितों के प्रति पूर्णतया असंवेदनशील है. इसके कार्यकाल में किसान की बदहाली बढ़ी है. उसे न तो लागत का ड्योढ़ा मूल्य मिला है और नहीं उसकी आय दुगनी करने की दिशा में कोई योजना है. सरकार उसे समर्थन मूल्य भी दिलाने से असफल रही है. अब नए अध्यादेश लाकर भाजपा किसानों को अपनी जमीन पर ही मजदूर बनाने और खेती को अमीरों के हाथ में गिरवी रखने की साजिश कर रही है. समाजवादी पार्टी इन शोषणकारी साजिशों का विरोध कर रहीं हैं अनियोजित लाॅकडाउन के दौरान लाखों श्रमिक अपने घर वापस आए, रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी न होने से वे मजबूर होकर या तो फिर पलायन कर रहे हैं या हताशा में आत्महत्या कर रहे हैं. कारोबार न चलने से व्यापारी भी अपने गले में फांसी लगा रहे है।.पूंजीनिवेश और रोजी रोजगार की बातें काल्पनिक हैं.
प्रदेश में न तो नए उद्योग लगे हैं, नहीं एक यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है. भ्रष्टाचार के चलते लगे लगाए उद्योग भी बंद होते जा रहे हैं मंहगाई चरम पर है. आसमान छूते सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दामों से जनता की थैली और थाली दोनों पर मार पड़ी है. मंहगाई ने थालीनाॅमिक्स की थाली में ही छेद कर दिया है. स्कूल काॅलेज बंद है। छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बंद है. ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम दिखावटी साबित हो रहा है क्योंकि इसके लिए आवश्यक स्मार्टफोन गरीब बच्चों के पास नहीं है. समाजवादी सरकार ने जो 18 लाख लैपटाप बांटे थे, वहीं अब काम आ रहे हैं क्योंकि भाजपा ने अपने लैपटाप देने के वादे निभाए ही नहीं है. वह तो जुमलेबाजी से ही अपने काम चलाने में विशेषज्ञता प्राप्त है जनता के पास अब हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार के झूठ और पाखण्ड को पचाने का सब्र नहीं बचा है.
जनता 2022 में भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठीं है इस दौरान प्रमुख रुप से जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी जियाउल इस्लाम अखिलेश यादव डॉ मोहसिन खान चंद्रबली यादव अवधेश यादव रजनीश यादव विजय बहादुर यादव जफर अमीन डक्कू अमरेन्द्र निषाद जितेंद्र सिंह सिहांसन यादव शहाब अंसारी शकील अंसारी राहुल गुप्ता सुनील सिंह कपिल मुनि यादव कालीशंकर सुनील श्रीवास्तव अशोक चौधरी जितेंद्र यादव बाबूराम यादव राहुल यादव एहतेशाम खान आजम लारी चर्चिल अधिकारी गवीश दुबे हीरालाल यादव बिंदा देवी राजीव यादव अनूप यादव राज मंगल यादव बिट्टू यादव शिव शंकर गौड़ शब्बीर कुरेशी मुन्ना यादव रविंद्र यादव रूबी खातून अख्तर जहां सुशीला भारती उर्मिला देवी सिराजुद्दीन रहमानी पुजारी यादव सोहराब खान चंद्रमणि यादव विश्वनाथ विश्वकर्मा करुणानिधान अश्वनी जयसवाल सुनील आजाद आफताब अहमद विनोद यादव जावेद खान विश्वजीत त्रिपाठी अशोक यादव संजय यादव रमेश यादव अमीरूद्दीन अंसारी मनमोहन यादव अयूब सिद्दीकी रुकमणी यादव पतासी देवी गौड़ अकरम खान रामजीत यादव विनोद विश्वकर्मा नारद यादव मनोज निषाद सुभाष निषाद शैलेंद्र पांडे अभिषेक यादव भूपेंद्र सरकार धर्मेंद्र यादव सच्चिदानंद यादव अनीस अहमद मोहम्मद अख्तर आदि मौजूद रहे.